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Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक ललन पासवान ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफा देने की वजह आरजेडी के साथ गठबंधन करने और दलितों पर हो रहे अत्याचार को बताया है. उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आरजेडी के साथ गठबंधन करके बिहार में फिर से गुंडाराज शुरू कर दिया है. उन्होंने साफ तौर पर अपने इस्तीफे में आरजेडी को बिहार में आतंक और गुंडा राज स्थापित करने वाली पार्टी बताया है.
ललन पासवान ने जेडीयू अध्यक को भेजे इस्तीफे पत्र में कहा कि, “बिहार में आतंक और गुंडा राज स्थापित करने वाले लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से समझौता करने के बाद दलितों पर हत्या, बलात्कार और उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं और इसकी रोकथाम की दिशा में कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाने के विरोध में मैं जनता दल (यू) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं”
पिछले महीने राष्ट्रिय लोक जनता दल के (RLJP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह ने पहले ही दावा किया था कि जेडीयू में बड़ी टूट होने वाली है. भले ही ये एकसाथ न हो, लेकिन धीर-धीरे टुकड़ों में होगी. इसके बाद ही यह सिलसिला शुरू हो गया. जेडीयू के बड़े नेता और पूर्व विधान परिषद के सदस्य रणवीर नंदन ने पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था. हालांकि इस जेडीयू ने दावा किया था रणवीर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेश अध्यक्ष ने 6 साल के लिए निष्कासित किया है. इस संबंध में पार्टी ने एक लेटर भी जारी किया था.
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बता दें कि ललन पासवान रोहतास जिले की चेनारी से विधायक रह चुके हैं. पहली बार 2005 में उन्होंने जदयू के टिकट पर चेनारी विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद आरजेडी से 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन मीरा कुमार से हार मिली. इसके बाद उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से फिर चेनारी चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद वह फिर जेडीयू में शामिल हो गए. मौजूदा समय में वह जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष थे.
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