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‘फ्लाइंग किस’, Article 370 से लेकर कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार तक… जानें स्मृति ईरानी ने राहुल के हर वार पर क्या जवाब दिया

No Confidence Motion: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बुधवार को जमकर हंगामा हुआ. दरअसल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार को घेरा और ताबड़तोड़ कई हमले किए. राहुल गांधी ने कहा कि इन्होंने (मोदी सरकार) मणिपुर में भारत माता की हत्या की है. राहुल गांधी के इस बयान पर जहां लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोका. वहीं केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों, कश्मीर में अशांति एवं कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया. ईरानी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास खून से सना है और विपक्ष को महिला सुरक्षा, गरीब कल्याण, नौजवानों के हितों एवं देश के विकास से कोई सरोकार नहीं है.

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि राहुल गांधी ने भारत माता की हत्या की बात की और कांग्रेस के लोग यहां मेज थपथपा रहे थे, संसदीय इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. विपक्षी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच ईरानी ने केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों और कश्मीर में अशांति एवं कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार तथा आपातकाल के मुद्दे उठाए और कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा.

केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में राहुल गांधी के एक बयान के जवाब में कहा, ‘‘मणिपुर खंडित नहीं है, विभाजित नहीं है, वह देश का अभिन्न अंग है.’’ ईरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने न सिखों के साथ इंसाफ किया, न ही नौजवानों, किसानों के हितों की चिंता की और न ही महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया.

ईरानी ने कहा, ‘‘ऐसे में जो देश के लोगों, महिलाओं, गरीबों और नौजवानों की बात कर रहा है, उस पर देश फिर से विश्वास करेगा. 2024 में फिर से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता कभी भी उनकी (राहुल गांधी) माताजी के हाथों में देश की तिजोरी की चाबी नहीं देगी.’’

‘फ्लाइंग किस’ का लगाया आरोप

स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने सदन से जाते हुए अभद्र आचरण (फ्लाइंग किस) दर्शाया है और ऐसा आचरण संसद में कभी नहीं देखा गया. ईरानी ने कहा, ‘‘ जिन्हें आज मुझसे पहले वक्तव्य देने का अधिकार दिया गया उन्होंने जाते-जाते एक अभद्र कार्य किया.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल महिला से द्वेष रखने वाला व्यक्ति ही हो सकता है जो संसद में महिला सदस्यों के रहते हुए ‘फ्लाइंग किस’ दे. ईरानी ने कहा कि ऐसा गरिमाविहीन आचरण इस देश के सदन में कभी नहीं देखा गया.

स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारे देश के संसदीय इतिहास में आज तक ‘भारत मां की हत्या’ की बात नहीं हुई और कभी इस बात पर मेज नहीं थपथपाई गईं. उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने आज यहां बैठकर भारत मां की हत्या की बात पर मेज थपथपाई हैं. उन्होंने कहा कि आज भारत मां की हत्या की बात पर कांग्रेस पार्टी तालियां बजाती रही. ईरानी ने कहा कि कांग्रेस ने इस बात का संकेत पूरे देश को दिया है कि किसके मन में गद्दारी है।

ईरानी ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि यह धुंधली तस्वीर गिरिजा टिक्कू की है, जिनके साथ 90 के दशक में बलात्कार किया गया और उनका शरीर काट दिया गया. उन्होंने कहा कि इस घटना का दृश्य एक फिल्म में आया तो कांग्रेस के कुछ प्रवक्ताओं ने उसे दुष्प्रचार कहा. कांग्रेस के लोग नहीं चाहते कि कश्मीरी पंडितों की दास्तान कहीं सुनाई जाए.

ये भी पढ़ें: अमेठी वाली लड़ाई संसद मे आई, राहुल के वार पर स्मृति के पलटवार की असली वजह!

‘हम नहीं, विपक्ष भागा है’

उन्होंने कहा कि किसी महिला को शौच के लिए सूर्यास्त का इंतजार करने पड़े, यह कितनी बड़ी बात है लेकिन 2014 से पहले केवल 39 प्रतिशत घरों में शौचालय थे और नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद अब यह शत प्रतिशत हो गया है. स्मृति ईरानी ने कहा कि सदन के उपनेता राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि सरकार चर्चा को तैयार है, ‘‘हम चर्चा करना चाहते थे, चर्चा करने को तैयार थे, भागे ये (विपक्ष), हम नहीं.’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष चर्चा से इसलिए भागा क्योंकि जब गृह मंत्री बोलते, तब परतें खुलतीं और वे इसे सुन नहीं पाते.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक नेता ने कश्मीर में जनमत संग्रह की बात की, अगर गांधी परिवार में हिम्मत है तो देश को बताएं कि कश्मीर को देश से हटाने की साजिश में कांग्रेस के उस नेता ने वक्तव्य क्यों दिया? ईरानी ने कहा कि जिन वादियों को हिंदुस्तान ने खून से सना देखा है, जहां गोलियों की आवाजें हर दिन सुनाई देती थीं, जब ये (राहुल) उन वादियों में गए तो वहां इन्होंने आश्वासन दिया कि अगर इनका बस चले तो ये अनुच्छेद-370 पुन: स्थापित कर दें. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि इस देश में न अनुच्छेद-370 लौटेगा और न ही कश्मीरी पंडितों को कोई धमकी देगा.’’

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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