पाकिस्तान सरकार ने एक आश्चर्यजनक और दुर्लभ कदम उठाते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को ‘विदेशी भूमि’ करार दिया है. पाकिस्तान सरकार की ओर से यह घोषणा इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के समक्ष की गई, जब वह कश्मीरी कवि और पत्रकार अहमद फरहाद शाह के अपहरण मामले की सुनवाई कर रहा था.
न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार ,शुक्रवार (31 मई) को पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि शाह पीओके में पुलिस हिरासत में है और इसलिए उसे इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता. यह टिप्पणी तब आई जब आईएचसी के जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी ने अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल से पूछा कि शाह को कोर्ट में क्यों पेश नहीं किया जा सकता.
एएजी ने तर्क दिया कि पीओके एक “विदेशी क्षेत्र” है, जिसका अपना संविधान और अपनी अदालत है. उन्होंने तर्क दिया कि पीओके में पाकिस्तानी अदालतों के फैसले “विदेशी अदालतों के फैसले” जैसे लगते हैं. दलील सुनने के बाद, जस्टिस कयानी ने एएजी से पूछा कि अगर पीओके एक विदेशी क्षेत्र था, तो पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी रेंजर्स ने इस भूमि में कैसे प्रवेश किया. अदालत ने “लोगों के जबरन अपहरण” में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की आलोचना की.
शाह अपने विद्रोही गद्य के लिए जाने जाते हैं और कथित तौर पर 14 मई को उनके घर से उनका अपहरण कर लिया गया था. उनके कथित अपहरण के एक दिन बाद, कश्मीरी कवि की पत्नी उरूज ज़ैनब ने एक याचिका दायर की और अपने पति की बरामदगी की मांग की. उन्होंने अदालत से उनके लापता होने के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने, जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने का अनुरोध किया.
-भारत एक्सप्रेस
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