Independence Day 2024: प्रधानमंत्री ने लगातार 11वीं बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया तो इस मौके पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई. पीएम ने देश को सम्बोधित किया और कहा कि युवा हो, बुजुर्ग हो.. गांव के लोग हों. शहर के लोग हैं, कामदार हों, दलित हो, आदिवासी हो, जंगल में रहने वाले लोग हों. हर किसी ने 2047 में विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं. मैं जब इन्हें देखता था तो काफी खुश होता था. कुछ लोगों ने कहा कि दुनिया का स्टील कैपिटल बनना जरूरी है.
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का सुझाव दिया. कुछ लोगों ने भारत की यूनिर्विसीटी को ग्लोबल बनाने के लिए सुझाव दिया. कुछ लोगों ने कहा कि क्या आजादी के इतने सालों बाद मीडिया ग्लोबल नहीं होना चाहिए. लोगों ने सुझाव दिया कि भारत को जल्द से जल्द जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए. पीएम ने बताया कि कई लोगों ने सुझाव दिया कि हमारे किसान जो मोटा अनाज उगाता है. उसे हर घर तक पहुंचाना है.
विश्व के पोषण को भी बल देना है, किसानों को सशक्त करना है. लोगों ने सुझाव दिया कि सरकारी रीफॉर्म की जरूरत है. कुछ लोगों ने माना कि न्याय के प्रति जो विलंब हो रहा है. उसमें परिवर्तन की जरूरत है. किसी ने बढ़ती हुई प्राकृतिक आपदाओं के बीच कई अभियान चलाने की अपील की. लोगों ने सपना देखा है कि भारत का स्पेस स्टेशन जल्द से जल्द बनना चाहिए. कोई कहता है कि अब देर नहीं होनी चाहिए. भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना होगा.
इस मौके पर पीएम मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और संबोधन की शुरुआत में कहा,’आज हम उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र देश दिया, हम आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. बता दें कि संबोधन से पहले पीएम मोदी को स्वदेशी 105 एमएम लाइट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई. समारोह में करीब 6000 स्पेशल अतिथियों को आमंत्रित किया गया. कार्यक्रम में खासतौर पर अटल इनोवेशन मिशन जैसी पहलों से जुड़े लोग, मेरा युवा भारत के वॉलंटियर्स, आदिवासी समुदाय के लोग और किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने सरकार के सभी स्तरों से, पंचायत से लेकर केंद्र सरकार तक, मिशन मोड में जीवन की सुगमता में सुधार लाने पर काम करने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत 2047 संकल्प को महज भाषण के शब्द नहीं बताया बल्कि उन्होंने भारत वासियों से मिले सुझावों को भी पढ़ा. उन सुझावों को पीएम ने पढ़ा. उन्होने कहा, कुछ लोग चाहते हैं कि देश जब अपना आजादी का 100वां साल मानाएगा, 2047 तक भारत दुनिया में स्किलफुल देश के रूप में पहचाना जाना चाहिए. कुछ ने मैनुफैक्चरिंग हब बनाने पर जोर दिया. तो कुछ ने ग्लोबल मीडिया की बात की. भारत के विश्वविद्यालयों को ग्लोबल बनाना होगा. तो तीसरे खत में कहा- किसानों के मोटा आनाज को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है. देश के किसानों को मजबूत बनाना होगा.
इसके साथ ही पीएम ने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान झेलने वाले लोगों को याद किया. उन्होंने कहा, हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के कारण हम चिंतित हैं, कई लोगों ने अपने प्रियजनों, अपनी संपत्ति को खो दिया है, हम उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं.’ पीएम मोदी ने कहा कि जब हम 40 करोड़ थे, तब हमने महासत्ता को हरा दिया था. आज तो हम 140 करोड़ हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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