Prashant Kishor Released: बिहार के पटना में BPSC प्री परीक्षा के रद्द करने के खिलाफ चल रहे धरने से गिरफ्तार किये गए जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर को जमानत मिल गई है. प्रशांत किशोर को सोमवार को बिना शर्त जमानत मिल गई. इससे पहले उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. जेल से बाहर आने के बाद रात 8 बजे प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और घोषणा करते हुए कहा कि मैं पहले भी अनशन पर था, हूं और आगे भी रहूंगा. जनबल के सामने कोई बल नहीं है.
पटना में पेपर लीक के बाद BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान में आमरण अनशन कर रहे किशोर को सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस के अनुसार, किशोर और उनके समर्थकों को प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया, क्योंकि प्रदर्शन प्रतिबंधित क्षेत्र के पास हो रहा था, जिससे यह प्रदर्शन “अवैध” हो गया. प्रशांत किशोर को उनके विरोध के पांचवें दिन गिरफ्तार किया गया.
पटना स्थित शेखपुरा हाउस में जेल से निकलने के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हम लोगों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अनकंडीशनल बेल दिया है. ये जनता का समर्थन है. बेऊर जेल में रखने के लिए उन लोगों के पास पेपर ही नहीं था. पेपर के इंतजार में बैठे रहे. तब तक कोर्ट ने हमारे अनुरोध पर संज्ञान लिया और फिर फाइनल निर्णय आ गया. कोर्ट का भी मानना था कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है
प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरा अनशन जारी था, जारी है, जारी रहेगा. मैं अनशन वापस नहीं ले रहा हूं. आज आधी रात को बैठक होगी, अनशन की जगह तय कर मंगलवार को घोषणा करूंगा. हमलोग BPSC की दोबारा परीक्षा के लिए लीगल रास्ते भी अपनाएंगे. एक-दो दिनों में पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाऊंगा. आज तमाम मुश्किलों के बावजूद अनशन जारी रखा. हिरासत में भी मैं पानी पीकर ही रहा. किसी भी हाल में हम पीछे नहीं हटेंगे.”
पीके ने आगे कहा कि BPSC अभ्यर्थियों के लिए उनका अनशन जारी रहेगा. जब तक न्याय नहीं मिल जाता, कोई भी ताकत मुझे नहीं झुका सकती. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि सोमवार को कई चिकित्सक और पुलिस वाले भी मिले, जो जन सुराज से जुड़े हुए थे. कई पुलिस वालों ने बताया कि वे जन सुराज के साथ पिछले तीन साल से जुड़े हुए हैं. कई पुलिस वाले आज बीपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं. उन पुलिसवालों ने बताया कि हम नौकरी से जुड़े हुए हैं इसलिए बोल नहीं पा रहे, लेकिन हम आपका समर्थन करते हैं.
इससे पहले प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत लेने से इंकार कर दिया था. अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह भविष्य में किसी भी विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगे और 25,000 रुपये का बॉन्ड भरेंगे. हालांकि, उनके वकील के अनुसार, किशोर ने बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.
प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरि ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘मैंने जमानत याचिका पेश की और बहस के बाद उन्हें इस शर्त के साथ जमानत दी गई कि वह भविष्य में इस तरह के अपराधों (किसी भी हड़ताल या विरोध प्रदर्शन) में शामिल नहीं होंगे और 25,000 रुपये का बॉन्ड भरने की शर्त से वह (प्रशांत किशोर) सहमत नहीं थे. इसलिए अदालत ने कहा, उसके पास आदेश की समीक्षा करने का अधिकार नहीं है और अगर वह शर्त से सहमत नहीं हैं, तो वह उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटा सकते हैं.’
13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर आयोजित हुई बिहार लोक सेवा आयोग की प्री परीक्षा आयोजित हुई थी. छात्रों का ओरोप है कि परीक्षा पेपर लीक हुआ है, जिसको लेकर प्रतिभागी कई दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों को इस आंदोलन में बीच-बीच में राजनेताओं का साथ भी मिला है. पहले पप्पू यादव उसके बाद पिछले साल 2 अक्टूबर को गठित हुई पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर.
-भारत एक्सप्रेस
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