आदमखोर तेंदुओं को देखते ही गोली मारने के राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि एनटीसीए द्वारा निर्धारित SOP का अक्षरशः पालन नहीं किया गया है, जो तेंदुओं को मारने और गोली मारने को अंतिम विकल्प के रूप में अनिवार्य करता है, न कि किसी अन्य विकल्प के रूप में.
गौरतलब है कि उदयपुर जिले के गांवों में आदमखोर तेंदुओं का आतंक है. पिछले 12 दिनों में तेंदुए 8 लोगों की जान ले चुका है. राजस्थान के वन विभाग ने उदयपुर जिले में आदमखोर तेंदुए को मारने के लिए हैदराबाद से एक विशेषज्ञ शूटर को बुलाया है.
शूटर नवाब शाफत अली खान को आमदमखोर जानवरों के अंत का लंबा तजुर्बा है. वो पहले भी कई आदमखोरों को अंत कर चुके है. उनके साथ उदयपुर में 12 अन्य शूटर भी है जिससे लग रहा है कि अब उदयपुर के आमदमखोर का अंत अब नजदीक है. सात लोगों को मारने वाले तेंदुए की तलाश के लिए सेना, पुलिस और वन विभाग के कर्मियों की कई टीम उदयपुर जिले के जंगलों के बावजूद तेंदुए का अब तक पता नहीं चल पाया है.
-भारत एक्सप्रेस
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र के हिंगोली में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने गृह मंत्री…
रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर अमेरिका के एक बेहद प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं. वे…
1857 की क्रांति के समय रोटी से जुड़ा आंदोलन भी हुआ था, जिसने अंग्रेजों को…
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग ने कहा है कि उनके देश में विभिन्न प्रकार…
एनजीटी ने बांधवगढ़ में 10 हाथियों की रहस्यमयी मौत पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें कोदो…
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अभी भी क्रिकेट ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है. हालांकि,…