Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारी तेज गति से आगे बढ़ रही है तो वहीं इस मौके पर चार हजार से अधिक संत, महंत, श्रीमहंत और महामंडलेश्वर को शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है. बता दें कि शायद पहली बार ऐसा होगा कि, सरयू के साथ ही पूरी अयोध्या शैव, शाक्त और वैष्णव के महामिलन का साक्षी बने. माना जा रहा है कि, महाकुंभ और श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद अयोध्या में यह पहला अवसर लोगों को देखने को मिलेगा, जब 127 संप्रदाय और 13 अखाड़े (सात संन्यासी, तीन वैरागी और तीन सिख अखाड़े) एक मंच पर मौजूद होंगे और साथ ही रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा का अद्भुत दर्शन हो रहा होगा.
पहली बार एक साथ इतने संप्रदाय
मिली जानकारी के मुताबिक, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत के सभी मठ-मंदिरों के साधु-संतों को शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है. तो वहीं साधु-संतों के ठहरने के लिए छोटी छावनी सहित तीन क्षेत्रों में कमरों को तैयार कराया जा रहा है और उनकी सभी सुविधाओं को ध्यान में रखा जा रहा है. संतों के आमंत्रण की जिम्मेदारी अखिल भारतीय संत समिति को सौंपी गई है. समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने इसको लेकर जानकारी दी कि, यह पहला मौका होगा, जब अयोध्या में एक साथ शैव, शाक्त, वैष्णव सहित 127 संप्रदाय और 13 अखाड़ों के संत, महंत, श्रीमहंत और महामंडलेश्वर शामिल होंगे. उन्होंने आगे बताया कि, समारोह में देश भर से 4000 संतों के अयोध्या आने की उम्मीद जताई जा रही है.
बता दें कि अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से संतों को जो निमंत्रण पत्र भेजा गया है, उसके तहत एक निमंत्रण पर एक व्यक्ति को ही प्रवेश मिलेगा. उनके सुरक्षाकर्मी भी बाहर रहेंगे. इसी के साथ ही संतों को अपना आधार कार्ड साथ रखने के लिए कहा गया है. सुरक्षा की दृष्टि से ये कदम उठाया गया है.
संन्यासी अखाड़ा- जूना, आवाहन, अग्नि, महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी और आनंद
सिख अखाड़ा- निर्मल पंचायती, बड़ा उदासीन और नया उदासीन
वैरागी अखाड़ा- निर्वाणी, निर्मोही व दिगंबर
बता दें कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में हरियाणा की कई संत परंपराओं का संगम दिखाई देगा. इसके तहत महानिर्वाणी अखाड़ा, दसनामी, जूना, उदासीन अखाड़ा, सरस्वती योग तीर्थ, आर्य समाजी, नामधारी मुखी परंपराओं के संतों को भी निमंत्रण दिया गया है. समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि, मध्य प्रदेश के 121 साधु संतों को निमंत्रण भेजा गया है, जिसमें बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, सीहोर के कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा, पंडोखर सरकार, रावतपुरा सरकार, गुफा मंदिर के महंत चंद्रमादास और करुणाधाम के सुदेश शांडिल्य के नाम को मुख्य रूप से शामिल किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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