UP Politics: भाजपा की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए और किसानों व बेरोजगारों की आवाज बुलंद करने और अपनी उपलब्धियों को गिनाने के लिए सपा जन आंदोलन चलाने जा रही है. इसी के साथ गांव-गांव में चौपाल का भी आयोजन करेगी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा सत्ता पक्ष के खिलाफ लोगों को एकजुट करेगी और बूथ स्तर पर खुद को मजबूत करेगी. पार्टी ने विश्वास जताया है कि अब इस बार छल-प्रपंच, नफरत और झूठ की राजनीति हारेगी और “सत्यमेव जयते” का ही जन उद्घोष होगा. कुल मिलाकर सपा 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है.
हाल ही में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 17 से 19 मार्च 2023 को सम्पन्न हुई है, इस दौरान राजनीति और समाज को नई दिशा देने के साथ सन् 2024 में केन्द्र से भाजपा का सफाया करने का आह्वान किया गया. इसके साथ समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भी पहल कर दी है. वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने मीडिया को बताया कि समाजवादी पार्टी ने कोलकाता में संपन्न अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में यह भी तय किया गया है कि लोकसभा चुनाव में अपने गठबंधन के सहयोगियों का साथ लेकर उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर भाजपा को हराएगी. सपा का मानना है कि केंद्र सरकार भाजपा के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे राजनीतिक दलों पर प्रतिशोध के तहत ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों से छापे डलवा कर परेशान और छवि खराब करने का प्रयास कर रही है. देश की जनता जानती है कि जो लोग भाजपा में शामिल हो जाते हैं, भाजपा की वैक्सीन ले लेते हैं, तब वह सीबीआई और ईडी से मुक्त हो जाते हैं.
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मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि सन् 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पूरी मजबूती और ताकत के साथ मैदान में उतरेगी और भाजपा के मंसूबों को परास्त करेगी. भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना हमारा कर्तव्य भी है. क्योंकि आज किसान, नौजवान, अल्पसंख्यक, व्यापारी, अधिवक्ता, शिक्षक, महिला, श्रमिक, छात्र आदि सभी वर्गों के लोगों में असंतोष व्याप्त है, आक्रोश है.
सपा ने किसानों के साथ हो रहे अन्याय, नौजवानों की बेरोजगारी, जातीय जनगणना, बढ़ती महंगाई, कानून व्यवस्था के मुद्दों को लेकर अपनी चुनावी रणनीति को धार देने की ठान ली है. देश की परिस्थितियों पर विचार विमर्श के बाद समाजवादी पार्टी इस नतीजे पर पहुंची है कि भाजपा की सरकार ने देश को गहरे संकट में डाल दिया है. महंगाई बेरोजगारी और अन्याय चरम पर पहुंच गया है. केंद्र की भाजपा सरकार और उसकी राज्य सरकारें सत्ता का दुरुपयोग कर रही हैं, लोकतंत्र की हत्या कर रही हैं. भाजपा संविधान विरोधी कार्य कर रही है. भाजपा सरकार सत्ता लोलुपता में अंधी हो गई है. सत्ता में बने रहने के लिए हर तरह का अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक हथकंडा अपना रही है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने मीडिया के सामने कहा कि भाजपा सरकार में अन्नदाता ही सर्वाधिक अपमानित और उपेक्षित है. कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक का किसान फसल के वाजिब दाम की लड़ाई लड़ रहा है. प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दोगुना करने का वादा किया था. किसान की न तो आमदनी दोगुनी हुई और नहीं उसे फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ही मिला. किसान पर जबरन थोप दिये गये सरकारी तीन काले कृषि कानूनों के विरूद्ध किसानों के आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों ने अपनी जानें दी. गन्ना किसानों का उत्तर प्रदेश में 6 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा अभी भी बकाया है.
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भाजपा की नफरती और विद्वेष की राजनीति का नतीजा है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का योजनाबद्ध तरीके से उत्पीड़न किया जा रहा है. उन पर झूठे मुकदमें लादे जा रहे हैं. उनके घर और कॉलेज के भवनों पर बुलडोजर चलाया जा रहा हैं. भाजपा की कुनीतियों की वजह से देश में सामाजिक-आर्थिक असमानता बहुत बढ़ी है. यह फर्क जमीन-आसमान के बीच के अंतर का है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि भाजपा की सत्ता लोलुपता जग जाहिर है. वह हर वक्त चुनावी मोड में रहने वाली पार्टी है, लेकिन मैनपुरी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की विशाल जीत ने भाजपा के सभी हथकंड़ों पर विराम लगाने का काम किया. भाजपा की मंशा है कि देश में लोकतांत्रिक विकल्प नहीं खड़ा हो. समाजवादी समता, स्वतंत्रता और भाईचारा की सद्भावना के साथ जब मजबूती से कहीं खड़े होते हैं तो भाजपाई हवामहल भरभरा कर गिर जाते हैं, फिर सबसे बड़ी बात तो यह है कि समाजवादियों के पास अखिलेश यादव जैसा नेतृत्व है.
-भारत एक्सप्रेस
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