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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने Hemant Soren की अंतरिम जमानत याचिका को किया खारिज, सुनवाई के दौरान इस बात पर भड़के जज

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार नहीं कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि सिब्बल ने याचिका वापस लेने की अनुमति देने का कोर्ट से आग्रह किया, कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद सिब्बल ने याचिका को वापस ले लिया. साथ ही कोर्ट ने ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया है.

सोरेन ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की थी. कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि हेमंत सोरेन ने याचिका में तथ्य को छुपाए है. कोर्ट ने कहा कि 4 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था. जिसकी संबंधित जानकारी छुपाए गए. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने नियमित जमानत याचिका भी लंबित है जिससे संबंधित जानकारी सुप्रीम कोर्ट को नही दी गई.

सिब्बल की दलील पर क्यों भड़क गए जज

सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसके जवाब में कहा कि इज उनकी गलती है, जो कि जानकारी के आभाव में हुई. उसकी सजा सोरेन को न मिले, लेकिन जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि बेहतर है कि वह दूसरे कानूनी विकल्प देखे. इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती. हेमंत सोरेन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए मिली अंतरिम जमानत को आधार बनाकर जमानत की मांग कर रहे थे.

कपिल सिब्बल ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह 8.86 एकड़ जमीन का मामला है और इससे हेमंत सोरेन का कोई लेना-देना नही है. सभी रिकॉर्ड सही है तो ऐसे में कोई विवाद नहीं बनता है. वही ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि इसमें विवाद नही बनता. हेमंत सोरेन द्वारा अंतरिम जमानत का ईडी ने विरोध किया था.

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ED ने लगाए थे ये आरोप

ईडी ने कहा था कि इन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नही मिलनी चाहिए. ईडी ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि पिछले 5 वर्षों में लगभग 123 चुनाव हुए हैं और यदि प्रचार करने के उद्देश्य से अंतरिम जमानत दी जाती है तो किसी भी राजनेता को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में नही रखा जा सकता है, क्योंकि चुनाव पूरे साल होते है. केवल पीएमएलए के तहत ही वर्तमान में कई राजनेता हिरासत में है. हालांकि की केजरीवाल के मामले में भी ईडी ने यही दलीलें दी थी. लेकिन केजरीवाल कोर्ट से जानकारी छुपाने छुपाने का कोई आरोप नही लगा.

सोरेन पर जानकारी छुपाए जाने का आरोप नही लगता तो शायद उन्हें भी लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल जाती. बता दें कि हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाला मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. सोरेन पर जमीन से जुड़े धन शोधन का आरोप है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में है. हेमंत सोरेन ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी.

-भारत एक्सप्रेस 

गोपाल कृष्ण

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