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नीतीश कुमार की मिमिक्री के आरोप में एमएलसी सुनील सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अपनी एमएलसी की सदस्यता गवा चुके सुनील सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 9 जनवरी को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग यह सब नही कह सकता कि, जब कोई मामला लंबित हो तो चुनाव नही कराया जा सकता. वही वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि सुनील सिंह ने नीतीश कुमार का एक कैरिकेचर भी बनाया था.

सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच मामले में सुनवाई कर रही है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि राजनीति में हास्य इसी तरह का काम करता है. जिसपर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आजादी में कुछ छूट है, सदन में रहते हुए अभिव्यक्ति की आजादी होती है. स्थाई निष्कासन हो जाए तो घर खाली हो जाएगा. जिसपर कोर्ट ने कहा कि सिंघवी अधिक अनुभव है लेकिन सम्मान और गरिमा हमेशा बनी रहनी चाहिए. सुनील सिंह ने एमएलसी की सदस्यता रद्द करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

सुनील सिंह पर नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का है आरोप

सुनील सिंह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते है. सुनील सिंह पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने का आरोप है. जिसके बाद विधान परिषद से सभापति ने उनके खिलाफ लगे आरोपों के बाद बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी थी. सुनील सिंह पर पिछली चार बैठकों में सदन में उपस्थित नही हुए थे. पांचवी में वह आये थे, लेकिन आरोपों पर कोई जवाब नही दिया था. इतना ही नही वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं. उनका व्यवहार भी असंसदीय और लोकतंत्र के खिलाफ है.

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक पद पर अश्विनी कुमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

आचार समिति के समक्ष की शिकायत

वहीं राजद एमएलसी कारी सोहैब को शीतकालीन सत्र से दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. बता दें कि सुनील सिंह ने 13 फरवरी 2024 को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अभद्र टिप्पणी की. इसकी शिकायत जेडीयू के एमएलसी भीष्म सहनी ने आचार समिति के समक्ष की.

विधान परिषद की आचार समिति को पूरे मामले की जांच का जिम्मा दिया गया था. आचार समिति के अध्यक्ष सह विधान परिषद के उप सभापति प्रोफेसर रामवचन राय ने सभापति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. जिसमें एमएलसी पर लगाए गए आरोपों को सही करार दिया था और अनुशासनात्मक कार्रवाई के अनुशंसा की थी.

-भारत एक्सप्रेस 

गोपाल कृष्ण

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