आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली के पूर्व महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप में गिरफ्तार बिभव कुमार की ओर दायर जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को 21 अगस्त तक के लिए समय दे दिया है. कोर्ट 27 अगस्त को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि ऐसे बर्ताव पर शर्म आती है कि महिला के साथ जबरदस्ती की गई. कोर्ट ने बिभव कुमार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या मुख्यमंत्री आवास क्या गुंडे रखने के लिए है. बिभव कुमार गुंडे की तरह काम किया और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुसा. उसने तब भी महिला पर हमला किया, जबकि उसने अपनी शारीरिक स्थिति बता दी थी.
कोर्ट ने पूछा था कि एक महिला पर हमला करते हुए क्या उसे शर्म नहीं आई? कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि हम अमूमन जमानत पर रिहाई का आदेश दे देते हैं. यहां तक कि हत्यारों तक को जमानत दे देते हैं. लेकिन यहां मामला नैतिकता का है, जिसमें एक महिला सांसद पर हाथ उठाया गया है.
कोर्ट ने यह भी कहा था कि सवाल यह है कि यह कैसे हुआ, मालीवाल ने उसे रुकने के लिए कहा, लेकिन वह आदमी नहीं रुका, वह क्या सोचता है? क्या उसके सिर पर शक्ति सवार है? आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो आपको भी वहां रहने का अधिकार नहीं था.
वहीं बिभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि मामले में एफआईआर तीन दी बाद दर्ज हुई है. पहले एफआईआर दर्ज कराए बिना ही लौट गई थी. कोर्ट ने चार्जशीट को लेकर जब सिंघवी से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि चार्जशीट दाखिल होने से पहले ही याचिका दाखिल की गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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