महाराष्ट्र में अकोला पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव पर रोक लगाने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप इस मामले में कैसे प्रभावित है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उपचुनाव नहीं होगा, क्योंकि नए सदस्य को एक साल से कम समय मिलेगा. इसके एक दिन बाद चुनाव आयोग ने उपचुनाव रोकने का फैसला किया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151(ए) का उल्लंघन है. सीट निवर्तमान विधायक के निधन से खाली हो गई है. चुनाव इसलिए नही कराए जाएंगे, क्योंकि विजेता को सीट का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक साल से भी कम वक्त मिलेगा.
यह सीट 3 नवंबर 2023 को बीजेपी नेता गोवर्धन शर्मा के निधन के बाद खाली हो गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दलील दी गई थी कि महाराष्ट्र में कुछ समय बाद ही विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में उपचुनाव कराना पैसे की बर्बादी है. यह भी कहा गया था कि चार जून को नतीजे आने के बाद विधायक को काम करने के लिए केवल चार महीने का समय मिलेगा. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव अक्टूबर में हो सकता है.
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