मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए लॉ कमीशन के गठन का स्वागत किया है. मंच के राष्ट्रीय टीम के सदस्य एवं मीडिया प्रभारी शाहिद ने बताया कि मंच का मानना है कि यह देश की मौलिक आवश्यकता है कि सभी लोग अपने-अपने धर्मों के प्रति आस्था रखें और दूसरे धर्मो का भी सम्मान करें.
इस सिलसिले में मंच के कार्यकर्ता हजारों की तादाद में रोजाना लॉ कमीशन को membersecretary-lci@gov.in पर समान नागरिक संहिता के समर्थन में पत्र (मेल) लिख रहे हैं. इसके अलावा लॉ कमीशन द्वारा जारी यूनिफॉर्म सिविल कोड पब्लिक नोटिस के माध्यम से भी लोग प्रतिक्रियाएं भेज रहे हैं.
उन्होंने बताया कि मंच हमेशा से मानता आया है कि राष्ट्र सर्वोपरि है, भारत के लोग धर्म के नाम पर विभाजित न हों, और न ही एक दूसरे से लड़ें, ‘एक देश, एक नागरिकता’ और एक झंडे के साथ सब चलें… इसी में सबल सजग सशक्त राष्ट्र का हित है.
मंच के राष्ट्रीय, प्रांतीय और क्षेत्रीय टीम ने अब तक हजारों की तादाद में लॉ कमीशन को समर्थन पत्र भेजा है. मंच की पहल पर बड़ी तादाद में देश भर से हजारों लोग यूसीसी के समर्थन में ईमेल के माध्यम से चिट्ठी भेज रहे हैं. कुछ ईमेल ऐसे भी किए गए हैं जिन के सैंकड़ों लोगों ने समर्थन में हस्ताक्षर किए हैं.
शाहिद सईद ने कहा कि संविधान अनुच्छेद 29 और 30 में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को यह अधिकार देता है कि वो अपना शिक्षण संस्थान खोल सकते हैं और अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाये रखने के लिए बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के उसको चला भी सकते हैं। मंच का मानना है कि ऐसे ही अधिकार बहुसंख्यकों को भी मिलना चाहिए. आर्टिकल 29 और 30 में संशोधन करके इसे सबके लिए समान किया जा सकता है.
मीडिया प्रभारी ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए यह मानता है कि समय आ गया है जब हम सब को तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठ कर देश के विकास के लिए एकजुट होना होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि यदि एक गाड़ी में चार धर्म के लोग जा रहे हों जिसका दुर्भाग्य से दुर्घटना हो जाए तो क्या उनके परिवारवालों को अलग अलग धर्मों के कानून के हिसाब से न्याय मिलेगा या एक देश एक कानून के माध्यम से?
अतः मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समान नागरिक संहिता अर्थात एक देश, एक नागरिक, एक कानून का जोरदार समर्थन करता है और लॉ कमीशन से पुरज़ोर इल्ताजा और गुजारिश करता है कि अति शीघ्र समान नागरिक संहिता को कानूनी रूप से अमल में लाया जाए.
मंच का इस मामले में लॉ कमीशन, सरकार और संविधान को सदैव पूर्ण समर्थन रहेगा. जनहित और शक्तिशाली राष्ट्रहित में लिए गए इस संभावित फैसले के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच लॉ कमीशन और सरकार का सदैव ऋणी रहेगा. मंच सरकार की इस मुहिम का आभार प्रकट करता है.
-भारत एक्सप्रेस
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