UP Railway Stations Name Change: भारतीय रेल लगातार देश के तमाम हिस्सों के रेलवे स्टेशनों के नाम बदल रही है. हाल ही में तीन बड़े स्टेशनों, मुगलसराय, इलाहाबाद और गोमो का नाम बदला गया था तो वहीं अब उत्तर प्रदेश के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने जा रहे हैं. यह फैसला गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद लिया गया है. गौरतलब है कि किसी स्टेशन का नाम बदलने से पहले स्टेशन प्रशासन को गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) को हासिल करना होता है और फिर इसके बाद ही नाम बदलने की प्रक्रिया की जा सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कासिमपुर हॉल्ट, फुरसतगंज, बानी, जायस सिटी, निहालगढ़, मिसरौली, अकबरगंज और वारिसगंज रेलवे स्टेशनों के नाम जल्द ही बदल दिए जाएंगे और नए नामों को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी.
फुरसतगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर तपेश्वरनाथ धाम, जायस सिटी का नाम गुरु गोरखनाथ धाम, कासिमपुर हॉल्ट का नाम जायस सिटी, मिसरौली का नाम मां कालिकन धाम, बानी का नाम स्वामी परमहंस, वारिसगंज का अमर शहीद भाले सुल्तान, निहालगढ़ का नाम महाराजा बिजली पासी और अकबरगंज का नाम मां अहोरवा भवानी धाम रखा जाएगा.
गौरतलब है कि देश के तमाम हिस्सों के रेलवे स्टेशनों के नाम लगातार बदले जाने की प्रक्रिया जारी है. इसी क्रम में इलाहाबाद जंक्शन का नाम बदल कर प्रयागराज जंक्शन किया जा चुका है तो वहीं अयोध्या का नाम बदलकर अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन हो गया है. इसी तरह मुगलसराय जंक्शन का नाम दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, बड़ौदा का नाम वडोदरा, चेन्नई सेंट्रल का नाम एमजीआर चेन्नई सेंट्रल, ओलावकोट का नाम पालघाट, बुलसर का नाम वलसाड, बॉम्बे का नाम मुंबई, बेलासिस रोड का नाम मुंबई सेंट्रल, शोलापुर का नाम सोलापुर, पूना का नाम पुणे आदि नाम रख दिया गया है. गौरतलब है कि देश की आजादी के बाद से सरकार ने देश भर के करीब 100 से अधिक रेलवे स्टेशनों का नामों में परिवर्तन कर दिया है.
बता दें कि रेलवे स्टेशनों के नामों को बदलने की एक पूरी प्रक्रिया है. बता दें कि अधिकतर रेलवे स्टेशनों का नाम तीन भाषाओं यानी स्थानीय भाषा के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी में लिखा जाता है. अगर रेल मंत्रालय चाहे तो सिर्फ अपने दम पर किसी भी स्टेशन का नाम नहीं बदल सकता है. इसके लिए पहले प्रस्ताव को लेकर स्टेशन प्रशासन कवायद शुरू करता है. फिर एक बार जब राज्य सरकार द्वारा किसी विशेष नाम को मंजूरी दे दी जाती है. इसके बाद प्रस्ताव को आगे की मंजूरी के लिए MHA में भेजा जाता है. इसके बाद मंत्रालय आगे की कार्रवाही करता है और फिर एक बार आधिकारिक रूप से अधिसूचित होने के बाद रेलवे शेष प्रक्रिया के तहत टिकटिंग सिस्टम में बदलाव,नए स्टेशन कोड, प्लेटफ़ॉर्म साइनेज आदि को शुरू करता है.
-भारत एक्सप्रेस
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