UP Politics: लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है. राजनीतिक दल अपनी-अपनी विरोधी पार्टियों की खामियां गिनाने में जुटे हैं और लगातार जुबानी जंग जारी है. इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव की एक टिप्पणी पर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने निशाना साधा है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति में कब, किसको और किसकी जरुरत पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता है. इसलिए अनावश्यक टीका-टिप्पणी न करें.
बता दें कि गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि भविष्य में कब, किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, यह कहा नहीं जा सकता. मायावती ने कहा कि विपक्ष के गठबंधन में बसपा सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं, उनके बारे में किसी का भी फिजूल की टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी उनको सलाह है कि वह इससे बचें, क्योंकि भविष्य में, देश में, जनहित में, कब, किसको जरूरत पड़ जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता. इसी के साथ बसपा सुप्रीमो ने ये भी कहा कि, टीका-टिप्पणी करने वाले ऐसे लोगों और पार्टियों को बाद में काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े यह ठीक नहीं है. खासतौर पर इस मामले में समाजवादी पार्टी इस बात की जीता-जागता उदाहरण है.
मायावती ने कहा कि संसद के दोनों संसदों से लगभग 150 सांसदों का निलंबन संसदीय इतिहास के लिए दुखद और लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है. इसी के साथ राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का संसद परिसर में निलम्बित विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा मजाक उड़ाए जाने और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जाने को लेकर कहा कि, “निलंबित सांसदों द्वारा राज्यसभा के सभापति का संसद परिसर में मजाक उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित और अशोभनीय है.” इसी के साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त मतभेद, तनाव और टकराव वाली घटनाओं से देश के लोकतंत्र एवं संसदीय परम्पराओं को शर्मसार होने से बचाना बहुत जरूरी है.
ये भी पढ़ें- UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में सियासी हलचल, एक ही मंच पर नजर आ सकते हैं सीएम योगी और जयंत चौधरी
मायावती ने आगे कहा कि, यह जिम्मेदारी किसी एक की नहीं बल्कि सभी की है. प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मायावती ने लोकसभा की सुरक्षा में हुई चूक पर चिंता व्यक्त की और कहा कि, इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और आरोप-प्रत्यारोप के बजाय सभी को इस मामले को गम्भीरता से लेना चाहिए. इसी के साथ बसपा सुप्रीमो ने कहा कि, इस मामले में जो भी दोषी और षड्यंत्रकारी हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी है.
22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर उद्घाटन को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि, उनकी पार्टी धर्मनिरपेक्ष दल है और पार्टी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के अगले महीने होने जा रहे उद्घाटन पर कोई ऐतराज नहीं है. इसी के साथ मायावती ने ये भी कहा कि, बसपा को अयोध्या में अदालत के आदेश पर सरकार द्वारा निर्धारित की गई जमीन पर निर्मित होने वाली मस्जिद के उद्घाटन पर भी कोई आपत्ति नहीं होगी. इसी के साथ उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि, पिछले कुछ वर्षों से इसकी आड़ में जो घिनौनी राजनीति की जा रही है वह अत्यंत दुखद और चिंतनीय भी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने ये भी कहा कि, इस तरह की चीजों से देश कमजोर भी होगा और इससे लोगों में आपसी नफरत पैदा होती है जो कि कतई उचित नहीं है.
बता दें कि इंडिया गठबंधन की बैठक में इस बात पर विपक्षी दलों के नेताओं ने जोर दिया था कि बसपा को भी गठबंधन में शामिल किया जाए, इस पर अखिलेश यादव ने कहा था कि, अगर बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल किया जाता है तो वह गठबंधन से बाहर हो जाएगी. माना जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसी बात को लेकर कब-किसको जरूरत पड़ जाए…वाली बात कही है. इसी के साथ ही राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मायावती के बयान से ये बात भी साफ हो रही है कि वह आने वाले समय में किसी भी गठबंधन में जा सकती हैं.
Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कुछ आदतें ऐसी हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति को…
BJP नेता किरीट सोमैया ने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव अधिकारियों ने मौलाना खलील रहमान…
Reasons Why Credit Card Personal Loan Rejected: अगर आप भी Personal Loan या Credit Card…
Makar Sankranti 2025: सनातन धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व…
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. आम आदमी पार्टी…
Badrinath Dham: पवित्र बद्रीनाथ मंदिर के कपाट रविवार रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद…