CM Mann Vs Governor: पंजाब के राज्यपाल राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को ‘धमकी’ दी है. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखेंगे और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाएंगे और आपराधिक कार्यवाही शुरू करेंगे. राज्यपाल ने कहा कि सीएम मान ‘उनके पत्रों का जवाब नहीं देते’ . इसलिए अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत यह ‘अंतिम निर्णय’ लेने के अलावा उनके पास कोई विक्लप नहीं है.
मान को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल ने संकेत दिया कि वह अपने पिछले पत्रों पर उनसे कोई जवाब नहीं मिला. उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब भी जवाब नहीं दिया जाएगा तो हम राष्ट्रपति को पत्र लिखेंगे. आमतौर पर राज्यपाल द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद अनुच्छेद 356 के लागू होने पर किसी भी राज्य में केंद्र का सीधा शासन होता है. यह धारा तब लगाई जाती है जब राष्ट्रपति या राज्यपाल को उनकी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने से गलत तरीके से रोका जाता है.
अपने पत्र में राज्यपाल ने कहा, ” अब मेरे पास कोई और चारा नहीं है. मैं राष्ट्रपति को पत्र लिखने जा रहा हूं. मेरे पत्रों का कई बार जवाब नहीं दिया गया है. राज्य में नशीली दवाओं की समस्या के संबंध में आपके द्वारा उठाए गए कदमों के मामले में अपेक्षित जानकारी मांगी गई है. ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.”
राज्यपाल ने आगे कहा, ” मान ने अब तक 1 अगस्त को लिखे गए पत्र पर जानकारी नहीं दी है. ऐसा प्रतीत होता है कि आप जानबूझकर मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं.” बता दें कि पुरोहित, मान को कई बार पत्र लिख चुके हैं. इससे पहले उन्होंने अन्य मुद्दों के अलावा 36 स्कूल प्रिंसिपलों के लिए विदेशी प्रशिक्षण सेमिनार पर जानकारी मांगी थी.
राज्यपाल ने दावा किया कि उन्हें पंजाब में नशीली दवाओं की बड़े पैमाने पर उपलब्धता और दुरुपयोग के संबंध में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है और उन्होंने इस संबंध में एक रिपोर्ट भी मांगी है.
उन्होंने कहा, “संसदीय स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट है कि पंजाब में पांच में से एक व्यक्ति नशीली दवाओं के संपर्क में है या इसका आदी है. ये तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इस हद तक इशारा कर रहे हैं कि अब ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां स्थापित करने का फैसला किया है. कृपया इन दवाओं के मामले में आपके द्वारा की गई कार्रवाई से संबंधित एक रिपोर्ट तुरंत मेरे कार्यालय को भेजें. ”
-भारत एक्सप्रेस
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