क्यों नाराज है पाकिस्तान का हिमालय से भी ऊंचा दोस्त,इस बड़े प्रोजेक्ट से हाथ क्यों खींचा

बीजिंग-पाकिस्तान जिस चीन के साथ दोस्ती का दम भरता था जो कहता था कि चीन से उसकी दोस्ती हिमालय से भी ऊंची,शहद से भी मीठी और समंदर से भी गहरी है,उसी चीन ने अब पाकिस्तान को दुलत्ती मार दी है.इस मामले में अहम मोड़ तब आया जब चीन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर( POK) की नीलम  नदी पर बन रहे बांध का निर्माण कार्य रोक दिया.इसके पीछे कुछ वजहें हैं.साल 2007 में जब इस डैम पर काम शुरू हुआ तो पाकिस्तान को ये लगा कि इससे उसके पंजाब प्रांत को बिजली मिलेगी.इसके बाद इस डैम का विरोध शुरू हो गया.पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों ने इस डैम का ये कहकर विरोध करना शुरू कर दिया कि अगर ये डैम टूटा तो स्थानीय लोग बर्बाद हो जाएंगे.इसके साथ ही पाकिस्तान के इंजीनियरों को चीनी इंजीनियरों के काम में कमियां नज़र आई.ऊपर से ये हुआ कि पाकिस्तान ने चीन की कंपनियों को पेमेंट नहीं किया.

चीन की कंपनी को पेमेंट ना कर पाने की एक वजह ये भी है कि फिलहास पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा हो चुका है और ऊपर से सदी की भयानक बाढ़ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का जनाजा निकाल दिया है.एक अनुमान के मुताबिक इस बाढ़ से पाकिस्तान को करीब 16 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई में दशकों लग सकते हैं.जानकारों के मुताबिक ये नुकसान और ज्यादा हो सकता है.चीन की नाराजगी का एक कारण पाकिस्तान का अमेरिका की ओर जरूरत से ज्यादा झुकाव है और जिस प्रकार अमेरिका इस वक्त पाकिस्तान की दिल खोलकर मदद कर रहा है,उसे लेकर चीन बहुत असहज है.

अमेरिका ने हाल ही में बाढ़ राहत कोष के लिए पाकिस्तान को 14 अरब डालर की मदद दी है साथ ही उसने एफ-16 लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने और आतंकवाद से लड़ने के लिए 45 करोड़ रुपए का भारी भरकम पैकेज दिया है.वहीं चीन ने पाकिस्तान को मदद के नाम पर फूटी कौड़ी तक नहीं दी और महत्वपूर्ण ये है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ अब तक चीन की यात्रा नहीं कर पाए हैं. इसलिए उनकी राष्ट्रपति शी झिनपिंग से भी वन टू वन मुलाकात नहीं हो सकी है. वह सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं.चीन पाकिस्तान को भाव नहीं दे रहा और उसने नीलम डैम के प्रोजेक्ट से भी हाथ खींच लिया है.इसका कारण है स्थानीय निवासियों का विरोध और पाकिस्तान द्वारा पैसा न चुकाया जाना.साथ ही चीन के इंजीनियरों पर जिस प्रकार पाकिस्तान में हमले हो रहे हैं उससे चीन बहुत नाराज है और चीनी इंजीनियर असुरक्षा के वातावरण में वहां काम भी नहीं करना  चाहते.

-भारत एक्सप्रेस

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