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आप विधायक नरेश बालियान की पुलिस रिमांड को कोर्ट ने एक दिन के लिए बढ़ाया

गैंगेस्टर कपिल सांगवान के साथ आप विधायक नरेश बालियान (MLA Naresh Balyan) की सांठ गांठ के मामले में पुलिस रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद राऊज एवेन्यु कोर्ट में पेश किया गया.  कोर्ट ने पुलिस की मांग पर नरेश बालियान की पुलिस रिमांड की अवधि को एक दिन के लिए बढ़ा दिया है.

वहीं पुलिस रिमांड पर जाते समय नरेश बालियान ने कहा कि वो इस मामले में खुद विक्टिम हैं. विक्टिम को आरोपी बना दिया गया. ये सारा पॉलिटिकल मामला है. चुनाव के लिए किया जा रहा है. कोर्ट ने बालियान की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

तीन बार शिकायत दर्ज कराई

मामले की सुनवाई के दौरान नरेश बालियान के वकील ने कहा कि बालियान खुद पीड़ित है. तीन बार शिकायत भी दर्ज कराई है, अपनी शिकायत में पूरी डिटेल दिया था. नंबर के बारे में पुलिस को बताया था, लेकिन पुलिस ने डेढ़ साल तक मेरी शिकायत पर कुछ भी नहीं किया और अचानक से उनको गिरफ्तार कर लिया. बालियान के वकील ने कहा अगर कोई कहता है कि उसको नंदू गैंग से धमकी मिली है तो पुलिस उसकी अलग से जांच करें.

अगर वे सिंडिकेट का सदस्य हैं तो बताएं कि उनके पास या उनके परिवार से सिंडिकेट से जुड़ा क्या बरामद हुआ है. बालियान के वकील ने कहा दिल्ली विधानसभा चुनाव करीब आते ही पुलिस अचानक से एक्टिव हो गई है.

बालियान जांच में सहयोग करने के लिए तैयार

बालियान के वकील ने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है, जब भी पुलिस उनको बुलायेगी वह पेश होने के लिए तैयार हैं. वकील ने कहा कि पुलिस दिखाए कि उन्होंने मुझको 41 का नोटिस दिया और जांच में शामिल होने से मैं इनकार किया क्या. ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है कि नरेश बालियान हार्डकोर क्रिमिनल है.

नरेश बालियान के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ऐसा कुछ भी नहीं पेश किया है, जिससे यह पता चले कि जमानत पर रिहा होने पर बालियान खतरा बन जाएंगे. वो एक पब्लिक सर्वेंट है. वो कही नहीं भाग सकते. नरेश बालियान खुद रंगदारी मांगने के पीड़ित है. उनके द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई.

पता नहीं उसे क्यों गिरफ्तार किया गया

अगर पुलिस की जांच में लापरवाही बरती गई है तो भगवान ही हमारे देश को बचाए. चुनाव नजदीक है और वे अचानक जाग गए है. उनके पास कुछ भी नया नहीं है. ये क्लिप उनके पास 1.5 साल से थे. धारा 41 ए का अनुपालन किए बिना, उन्होंने नरेश बालियान को गिरफ्तार कर लिया है. यह एक राजनीतिक स्टंट है और कुछ नहीं.

वकील नितिन अहलावत ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं है. नोटिस ना देना सुप्रीम कोर्ट के अवमानना का उल्लंघन है. दिल्ली पुलिस ने यह भी पता नहीं लगाया कि ऑडियो क्लिप असली है या नकली. यह गिरफ्तारी उन्हें बदनाम करने और उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकने की कोशिश है.

मेरा मुवक्किल एक साधारण सामाजिक कार्यकर्ता है जो जबरन वसूली के पीड़ितों की मदद कर रहा था. उसे क्यों गिरफ्तार किया गया यही मैं अदालत से पूछता हूं.


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-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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