Calendula Flower Benefits: कैलेंडुला का फूल दवाओं को बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है साथ ही ब्यूटी प्रोडक्ट में कैलेंडुला का प्रयोग होते हुए देखते हैं. कैलेंडुला गेंदे की तरह का पौधा होता है. इसका उपयोग लंबे समय से स्किन के लिए किया जाता रहा है. आज भी गांवों में घाव भरने में इसकी पत्तियों का रस लगाया जाता है. यह सालों भर आसानी से गमले में उगाया जा सकता है. इसके पौधे को सिर्फ अच्छी धूप चाहिए. इसके गहरे रंग के फूल और बीजों से तेल भी निकाले जाते हैं. कैलेंडुला ऑयल भी स्किन की कई समस्याओं को दूर करता है. खासकर स्किन इन्फ्लेमेशन के लिए यह बहुत उपयोगी है.
कैलेंडुला की पंखुड़ियों में प्राकृतिक रूप से फ्लेवोनोइड्स कंपाउंड पाए जाते हैं. क्वेरसेटिन और आइसोरहैमनेटिन के रूप में ये फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं. ये कंपाउंड सूजनरोधी, एंटीथ्रोम्बोजेनिक, एंटी डायबिटिक, एंटी कैंसर और न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव वाले होते हैं. इसके अलावा, इसमें प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले केमिकल ओलीनोलिक एसिड ग्लाइकोसाइड्स के रूप में ट्राइटरपीन सैपोनिन्स, ट्राइटरपीन अल्कोहल भी पाए जाते हैं.
इसकी खास संरचना के कारण कैलेंडुला ऑयल को ऑलिव आयल या नारियल तेल जैसे करियर ऑयल में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है. तेल का उपयोग अकेले या मलहम, बाम, क्रीम या लोशन में एक घटक के रूप में किया जा सकता है इससे टिंचर और चाय भी बनाई जा सकती है. साथ ही चिकित्सकीय उपयोग के लिए इसे कैप्सूल में भी डाला जा सकता है.
कैलेंडुला का उपयोग अलग-अलग स्किन प्रॉब्लम के इलाज के लिए किया जाता है. कैलेंडुला बच्चों के डायपर पहनने से हुए स्किन रैशेज, घाव, वेजाइनल इन्फेक्शन, यीस्ट इन्फेक्शन और अन्य कई स्किन प्रॉब्लम का इलाज कर सकता है. कैलेंडुला का उपयोग दर्द और सूजन भी कम करता है. कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए उपचार-संबंधी साइड इफेक्ट से राहत देने के लिए भी किया जाता है. इसका प्रयोग सनस्क्रीन और स्किन मॉइस्चराइजर में भी होता है. कैलेंडुला से तैयार जेल और तेल कोलेजन प्रोडक्शन में भी मदद कर सकते हैं. घाव भरने में नए टिश्यू के विकास को बढ़ा सकते हैं. यह स्किन की सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है.
फार्मेकोगनॉसी जर्नल में कैलेंडुला के गुणों पर अध्ययन निष्कर्ष प्रकाशित किया गया. कैलेंडुला पर आधारित फार्माकोलॉजिकल रिपोर्ट और क्लिनिकल स्टडी के अनुसार, इसमें ट्राइटरपीन अल्कोहल, ट्राइटरपीन सैपोनिन, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉयड और पॉलीसेकेराइड कम्पाउंड मौजूद रहते हैं. इसलिए यह औषधीय महत्व वाला पौधा है. कैलेंडुला ऑफिसिनैलिस लिनन का उपयोग पारंपरिक रूप से स्किन ट्यूमर, स्किन पर होने वाले घावों, अल्सर, सूजन और तंत्रिका संबंधी विकारों के लिए किया जाता है. इन्हीं गुणों के कारण इसका उपयोग कॉस्मेटिक फॉर्मूलेशन, यानी क्रीम, लोशन, शैंपू में किया जाता है.
कैलेंडुला आयल एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण वाला होता है. कैलेंडुला में बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद फ्लेवोनोइड्स प्लांट बेस्ड एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. ये सेल्स को फ्री रेडिकल्स से होने वाली क्षति से बचाते हैं. यह सूजन, वायरस और बैक्टीरिया से भी लड़ता है. इसलिए इसका उपयोग घावों को भरने, एक्जिमा को शांत करने और डायपर रैश से राहत देने में किया जा सकता है. इसका उपयोग एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जाता है.
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