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भारत में तैयार किए गए 500 से अधिक खाद्य उत्पादों में कैंसर कारक केमिकल मिलने का दावा, पढ़ें क्या है EU की रिपोर्ट

Ethylene Oxide in Indian Foods EU Report: European Union (EU) ने भारत में तैयार किए गए 527 उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाला केमिकल Ethylene Oxide मिलने का दावा किया है. इनमें से 54 उत्पादों को ‘Organic’ (जैविक) लेबल दिया गया था. जिन उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने की पुष्टि की गई है, उनमें मेवे और तिल, जड़ी-बूटियां और मसाले, आहार संबंधी खाद्य पदार्थ और अन्य खाद्य उत्पाद शामिल हैं.

डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, एथिलीन ऑक्साइड युक्त मेवे और तिल के 313 मामले सामने आए हैं, जबकि जड़ी-बूटियों और मसालों के 60 मामले सामने आए. रैपिड अलर्ट सिस्टम फॉर फूड एंड फीड (RASFF) के आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2020 और अप्रैल 2024 के बीच आहार संबंधी खाद्य पदार्थों के साथ 48 और अन्य खाद्य उत्पादों के साथ 34 ऐसे मामले थे.

इन चीजों में में भी मिला एथिलीन ऑक्साइड

RASFF के अनुसार, तिल, काली मिर्च और अश्वगंधा जैसी वस्तुओं को एथिलीन ऑक्साइड होने के बावजूद कुछ मामलों में ‘कार्बनिक’ लेबल दिया गया था, कुछ ऐसे लेबल के साथ आए थे, जो उत्पादों को ‘प्रीमियम प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले’ (Premium Immunity Enhancers) होने का दावा करते थे.

रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर उत्पादों की 87 खेपों (Consignments) को सीमा पर पूरी तरह से खारिज कर दिया गया, जबकि बाकी उत्पादों में से कई को बाद में बाजारों से हटा दिया गया.


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अधिकारियों ने 2020-21 में भारत सहित कई देशों से आयात की गईं 468 वस्तुओं में एथिलीन ऑक्साइड के होने की सूचना दी थी. विभिन्न प्रकार के उत्पादों में खाद्य योज्य के रूप में उपयोग किए जाने वाले Locust Bean Gum में जहरीले रसायन की खोज के कारण ‘European Union के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा खाद्य रिकॉल ऑपरेशन हुआ है.’

Locust Bean Gum एक गैलेक्टोमैनन वनस्पति गोंद है, जिसे कैरब पेड़ के बीजों से निकाला जाता है और खाद्य प्रौद्योगिकी में गाढ़ा करने वाले एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है.

1991 में ईयू ने लगाया था प्रतिबंध

यूरोपीय यूनियन ने 1991 में ही एथिलीन ऑक्साइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन आयात में वृद्धि ने अधिकारियों को सतर्क कर दिया. आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, यूरोपीय यूनियन ने कहा है कि एथिलीन ऑक्साइड एक जीनोटॉक्सिक कार्सिनोजेन है और जब उत्पादों, विशेष रूप से खाद्य पदार्थों में इसकी मौजूदगी की बात आती है तो ‘इसका कोई सुरक्षित स्तर स्थापित नहीं किया जा सकता है’.

-भारत एक्सप्रेस

Dipesh Thakur

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