Brain Stroke: दिल्ली- एनसीआर में भीषण गर्मी के चलते 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. रिकॉर्डतोड़ गर्मी ने लोगों का हाल-बेहाल कर कर दिया हैं. इन दिनों भीषण गर्मी के चलते न केवल हीट स्ट्रोक बल्कि ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में भारत के कई राज्यों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे केस भी आएं हैं जहां अस्पताल में पहुंचने से पहले ही मरीजों दम तोड़ चुके हैं.
डॉक्टरों का कहना है कि तापमान बढ़ने का असर दिमाग पर पड़ता है. इस वजह से ब्रेन डैमेज हो रहा है. गर्मी से ब्रेन पर असर पड़ने की प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि इसका पता नहीं चलता है. इसके चलते व्यक्ति बेहोश होता है और फिर मौत हो जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी की ब्रेन स्ट्रोक के हालिया मामलों में महिलाओं की संख्या अधिक है. वहीं, 50 से 60 साल की उम्र के उन लोगों में यह समस्या अधिक बढ़ रही है जो हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित हैं.
ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं, जिसमें पहला है सिस्मिक स्ट्रोक. इस दौरान कुछ परेशानियों के चलते दिमाग की नसों में ब्लड फ्लो रुक जाता है, इससे ब्रेन हेमरेज का खतरा 99 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जो की खतरनाक है. दूसरा होता है हेमोरेजिक स्ट्रोक, इसमें मस्तिष्क की नस फटने के कारण बल्ड फ्लो बढ़ जाता है. इससे शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा हो सकता है.
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डॉक्टर्स की मानें तो ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला 1 घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान बिना देरी के मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. तेज एसी और धूप के संपर्क में आने से बचना चाहिए. धूप से निकलने के बाद तुरंत एसी में नहीं जाना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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