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अगर आपके भी पीरियड्स में हर बार होता भयंकर दर्द, कहीं ये 5 गंभीर समस्याएं तो नहीं, न करें नजर अंदाज

Severe Menstrual Cramps: महिलाओं के पीरियड्स में हल्का-फुल्का दर्द होना या क्रैंप्स होना आम बात है. लेकिन कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में बहुत ज्यादा दर्द होता है. कई बार दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि महिला बेहोश तक हो जाती पाती है. इसके बावजूद, वे इसे पीरियड पेन सोचकर इग्नोर कर देती है. क्या आप जानते हैं कि कई बर पीरियड्स के दौरन पेट दर्द होना सामान्य नहीं होता है. कभी-कभी यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या की ओर भी इशारा कर सकता है. जानते हैं, पीरियड्स में अक्सर दर्द रहना किस तरह की बीमारी के बारे में बताता है.

एंडोमेट्रियोसिस होने पर

एंडोमेट्रियोसिस, यूट्रस में होने वाली समस्या है. अक्सर एंडोमेट्रियोसिस होने पर महिला को गर्भाशय में दर्द का अहसास होता है. वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, तो जिन महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस है, उन्हें पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा दर्द होता है. यही नहीं, एंडोमेट्रियोसिस की वजह से फर्टिलिटी की प्रॉब्लम भी हो सकती है. हालांकि, सही ट्रीटमेंट की मदद से इस बीमरी से रिकवरी संभव है.

फाइब्रॉइड के कारण

अगर किसी महिला को पीरियड्स के दौरान बहुत तीव्र दर्द हो, तो इसे हल्के में न लें. डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, गर्भाशय में फाइब्रॉइड के कारण भी ऐसा हो सकता है. डॉ. शोभा आगे बताती हैं, फाइब्रॉइड अपने आप में कोई घातक समस्या नहीं है. लेकिन, इसकी वजह से यूट्रस में काफी ज्यादा असहजता हो सकती है. यहां तक कि इसकी वजह से एनीमिया जैसी बीमारी होने का रिस्क भी बढ़ जाता है.

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का मतलब होता है कि महिला के प्रजनन अंग में संक्रमण होना. अगर किसी महिला के प्रजनन अंग में इंफेक्शन हो जाए, तो इसकी वजह से फैलोपियन ट्यूब, ओवरी और यूट्रस में भी दिक्कत हो सकती है. यही नहीं, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की वजह से पीरियड्स के दौरान अक्सर महिलाओं को बहुत ज्यादा दर्द का अहसास होता है. अगर आपको रेगुलर पीरियड्स होते हुए तीव्र दर्द हो, तो इसकी अनदेखी न करें. बेहतर है, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की वजह से

पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम एक सामान्य समस्या है. यह हार्मोनल बदलाव के कारण होता है. जिन महिलाओं को पीएमएस होता है, उन्हें अक्सर पीरियड्स के एक से दो हफ्ते पहले हार्मोनल अंसतुलन होने लगता है. इस कंडीशन में पीरियड्स के दौरान दर्द हो सकता है. हालांकि, ब्लीडिंग खत्म होने के बाद पीएमएस के लक्षण अपने आप कम होने लगते हैं.

सर्वाइकल स्टेनोसिस

सर्वाइकल स्टेनोसिस एक दुर्लभ किस्म की कंडीशन है. इस स्वास्थ्य स्थिति के तहत गर्भाशय ग्रीवा इतनी छोटी या संकीर्ण हो जाती है कि पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है. यही कारण है कि गर्भाशय के अंदर ब्लड का दबाव बन जाता है, जो सही मात्रा में बाहर नहीं निकल पाता. नतीजतन, महिला को पीरियड्स के दौराना पेट में दर्द होने लगता है.

निहारिका गुप्ता

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