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गर्मियों में बेहद खतरनाक हैं Heat Stroke और Heat Exhaustion, जानें दोनों में कितना अंतर, कैसे करें बचाव

Heat Stroke And Heat Exhaustion Difference: इस समय गर्मी ने लोगों का जीना बेहाल कर दिया है और आने वाले दिनों में ये गर्मी का सितम और भी ज्यादा बढ़ेगा. बीते दिनों देश के कई राज्यों में पारा 49 पार पहुंच चुका है. चिलचिलाती धूप (Heat Wave) ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. प्रचंड गर्मी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. ऐसे में जरूरी है कि इस दौरान हेल्थ की केयर करने के साथ-साथ गर्मी से बचाव करना जरूरी है.

गर्मियों के दिनों में अकसर कई बीमारियों लोगों का अपनी शिकार बना लेती हैं. हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और हीट एग्जॉस्शन (Heat Exhaustion) इन्हीं में से एक है. यह बेहद खतरनाक स्थिति है, जिसकी सही जानकारी और समय पर इलाज न मिलने की वजह से इंसान की जान भी जा सकती है. हालांकि, कई लोगों को अभी तक इन दोनों समस्याओं में बीच अंतर नहीं पता, जिसकी वजह से वह समय रहते इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं, जो इलाज में देरी का कारण बनती है. हीट स्ट्रोक और हीट एग्जॉस्शन दोनों ही गर्मी से जुड़ी बीमारियां हैं, लेकिन लक्षण और उपचार अलग-अलग हैं . आइए जानते हैं?

Heat Exhaustion

हीट एग्जॉस्शन में पसीना, कमजोरी, चक्कर आना और मांसपेशियों में ऐंठन होती है, जो अक्सर लंबे टाइम तक हाई टेंपरेचर के संपर्क में रहने की वजह से होती है. अगर समय पर इलाज नहीं करते हैं, तो ये हीट स्ट्रोक में चेंज हो सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है. इसमें शरीर का तापमान ज्यादा गर्म हो सकता है और ड्राई स्किन, भ्रम, अटैक और बेहोशी हो सकती है.

हीट एग्जॉस्शन से बचाव

  • हाइड्रेटेड रहना
  • हल्के और ढीले-ढाले कपड़े पहनना
  • छायादार जगह में आराम करना
  • दिन के समयहैवी एक्टिविटी से बचें
  • गर्मी से जुड़ी बीमारियों के लक्षणों को लेकर अलर्ट रहें

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Heat Stroke

हीट स्ट्रोक में, गंभीर परिणामों से बचाव के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है. इसके लिए अक्सर कूलिंग टेक्नीक की हेल्प ली जाती है. हीट एग्जॉस्शन में इलाज के तौर पर ठंडे जगह पर बैठने और खूब सारा पानी पीने की सलाह देते हैं, तो वहीं हीट स्ट्रोक कंडीशन को स्थिर करने के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है.

Heat Stroke के लक्षण और बचाव

हीट स्ट्रोक के लक्षणों के बारे बात करें तो Heat Exhaustion ही गंभीर हालातों में हीट स्ट्रोक में चेंज हो सकता है. ऐसे में इससे बचाव के लिए शुरुआती लक्षण जैसे पसीना और कमजोरी के प्रति सावधान रहें और अगर ये लक्षण दिखते हैं, तो हीट स्ट्रोक को बढ़ने से रोकने के लिए तुरंत मेडिकल हेल्प लें. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें, हल्के कपड़े पहनें, ज्यादा गर्मी के दौरान तेज एक्टिविटी से बचें, छायादार या ठंडे एरिया में बार-बार ब्रेक लेते रहें और शरीर ठंडा रखने के लिए पंखे या एसी का इस्तेमाल करें.

-भारत एक्सप्रेस 

निहारिका गुप्ता

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