Monsoon Blues: मानसून शुरू हो चुका है. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में इस समय मानसून का असर दिखने लगा है. लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है. जहां एक तरफ लोग मानसून में खुश हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें मानसून के कारण तनाव महसूस होता है.
मौसम में बदलाव का असर उनके दिमाग पर पड़ता है और उदास, चिड़चिड़ापन और गुस्सा महसूस होता है. मानसून में व्यवहार में आए इस तरह के बदलाव को हम मॉनसून ब्लूज के नाम से जानते हैं. इन दिनों कई लोग इसका शिकार हो रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में.
मानसून ब्लूज़ एक सीजनल या मौसम प्रभावी विकार है जो लगातार बारिश होने की अवस्था में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को कभी-कभी बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है. यह कोई क्लीनिकल डिसऑर्डर नहीं है. लेकिन इसके चलते इसका सामना करने वाले लोगों में भावनात्मक परेशानियां हो सकती हैं.
मानसून ब्लूज के लक्षण की बात करें तो इसके प्रभाव में आने से आमतौर पर व्यक्ति लगातार उदासी, कोई भी काम ना करने की इच्छा, अकेलेपन का अनुभव, नींद ना आना, भूख कम या ज्यादा लगना, लोगों से बात ना करने का मन करना, अकेला रहने का मन करना, रोने का मन करना तथा सामाजिक दूरी महसूस करने जैसी समस्याएं महसूस करने लगते हैं. यह समस्या ज्यादातर स्ट्रेस-एंग्जायटी या डिप्रेशन के शिकार लोगों में देखी जाती है.
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-भारत एक्सप्रेस
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