ओलंपिक

किसान के बेटे सरबजोत सिंह का संघर्ष से लेकर ओलंपिक कांस्य पदक जीतने तक का सफर

हरियाणा के एक छोटे से गांव के रहने वाले 13 वर्षीय सरबजोत सिंह ने जब अपने किसान पिता जतिंदर सिंह को बताया कि वह फुटबॉल छोड़कर निशानेबाजी करना चाहते हैं, तो पिता ने उन्हें मना कर दिया. निशानेबाजी एक महंगा खेल है और पिता के लिए यह खर्च उठाना मुश्किल था. लेकिन बेटे की लगातार जिद के आगे पिता को हार माननी पड़ी.

रंग लाया पिता का त्याग और समर्पण

सरबजोत के पिता ने अपनी सीमित संसाधनों के बावजूद बेटे के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और उनका यह त्याग रंग लाया. मंगलवार को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सरबजोत ने मनु भाकर के साथ मिलकर भारत के लिए कांस्य पदक जीता.

सरबजोत का शूटिंग सफर अंबाला के पास एक गांव के स्कूल कैंप से कोच शक्ति राणा के मार्गदर्शन में शुरू हुआ था. कैंप में संसाधनों की कमी के बावजूद सरबजोत का उत्साह कम नहीं हुआ. 2016 में सरबजोत अंबाला कैंट के ‘शूटर्स टैरेस एकेडमी’ पहुंचे, जहां कोच अभिषेक राणा ने उन्हें प्रशिक्षण दिया. उनके गांव से सीधी बस नहीं होने के कारण उन्हें रोज साइकिल से दोस्त के घर जाना पड़ता था, फिर वहां से बस पकड़कर एकेडमी पहुंचते थे.

साल 2017 की शुरुआत में सरबजोत के पिता ने उनकी प्रतिभा देखकर उन्हें पहली पिस्तौल दिला दी. इससे पहले नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में यूथ ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सरबजोत ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर दिया था.

सरबजोत सिंह ने अक्सर कहा है कि सीमित साधनों के बावजूद उनके पिता का समर्थन और त्याग उनके सफल करियर की आधारशिला रहे हैं.

सरबजोत का ओलंपिक सफर

सरबजोत का ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं रहा. उन्हें कई बार निराशा का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करते रहे. वह कांस्य पदक जीतने से तीन दिन पहले पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में नौवें स्थान पर रहकर बाहर हो गए थे. लेकिन सरबजोत ने पेरिस में अपना अगला मौका नहीं गंवाया. मनु और सरबजोत ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड क्वालिफिकेशन राउंड में 580 का स्कोर बनाकर तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक मैच के लिए क्वालीफाई किया था.

साल 2019 में उन्होंने जूनियर विश्व कप और एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जिसके लिए उन्हें अगले साल हरियाणा सरकार से पहला नकद पुरस्कार मिला. उनका शानदार प्रदर्शन जारी रहा और पिछले डेढ़ साल में उन्होंने दो विश्व कप खिताब जीते और पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया, जिससे उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया.

सरबजोत सिंह की अब तक की उपलब्धियां इस प्रकार हैं-

एशियाई खेल (2022) – टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक और मिक्स्ड टीम स्पर्धा में रजत पदक.

एशियाई चैंपियनशिप, कोरिया (2023) – 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक और देश के लिए ओलंपिक 2024 कोटा.

विश्व कप, भोपाल (2023) – व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक.

विश्व कप, बाकू (2023) – मिक्स्ड टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक.

जूनियर विश्व कप, सुहल (2022) – टीम स्पर्धा में 1 स्वर्ण पदक और व्यक्तिगत एवं मिक्स्ड टीम स्पर्धा में 2 रजत पदक.

जूनियर विश्व चैंपियनशिप, लीमा (2021) – टीम और मिक्स्ड टीम स्पर्धा में 2 स्वर्ण पदक.

-भारत एक्सप्रेस 

Prashant Rai

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