सियासी किस्से

Siyasi Kissa: जब एक वोट से ही हार गए दिग्गज… कभी जीरो के भी हुए शिकार, पढ़िए फेमस चेहरों की चुनावी कहानी

Siyasi Kissa: अक्सर देखा जाता है कि मतदाता कहते हैं कि अगर वो एक वोट नहीं डालेंगे तो भला क्या हो जाएगा, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अगर एक वोट भी न पड़े तो दिग्गज नेताओं को भी हार का मुंह देखना पड़ सकता है. लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर पूरे देश में सियासी माहौल है. इस मौके पर तमाम ऐसे किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जो लोगों को पढ़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं. तो वहीं चुनाव के दौरान एक वोटर भी कितना महत्वपूर्ण होता है, इसके बारे में भी अहम जानकारी देता है. अगर पिछले कुछ सालों के लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखा जाए तो जानकारी मिलती है कि, कई बार ऐसा हुआ है कि एक वोट से भी तमाम दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है. तो कई बार ऐसा भी होता कि नेताओं को शून्य का भी शिकार होना पड़ता है.

सपा के गढ़ में ही मिला शून्य

मालूम हो कि यूपी के मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में करीब ढाई दशक से भी अधिक समय से सपा का राज रहा है. इसे मुलायम सिंह का गढ़ कहा जाता है. इसके चलते यह हर चुनाव में सुर्खियों में रहता है. हालांकि यह क्षेत्र एक दिलचस्प सियासी किस्से का भी गवाह रहा है और यहां एक उम्मीदवार को शून्य का आंकड़ा भी छूना पड़ा था. 1957 के लोकसभा चुनाव में शंकर लाल स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े थे. उनको अपना वोट तक नसीब नहीं हुआ था. क्योंकि गिनती के दौरान उसे भी अमान्य घोषित कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें-Siyasi Kissa: भारत के पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री टहलते हुए चले गए थे लाहौर! पढ़ें प्रधानमंत्री बनने का रोचक किस्सा

कांग्रेस नेता को एक वोट से मिली थी हार

राजस्थान में 2008 के विधानसभा चुनावों के दौरान एक दिलचस्प किस्सा देखने को मिला था. यहां पर नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के सीपी जोशी और भाजपा के कल्याण सिंह चौहान की आमने-सामने की टक्कर थी. जोशी को मजबूत माना जा रहा था और उनके जीतने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन जब नतीजे घोषित हुए तो चौहान को 62,216 वोट मिले जबकि जोशी को 62,215 वोटों मिले और इस तरह से जोशी के लिए यह एक झटका साबित हुआ क्योंकि वह केवल एक वोट से हारे थे. वह राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और तब उनको मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था.

वहीं एक अन्य उदाहरण 2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिलता है. यहां जनता दल (सेकुलर) के एआर कृष्णमूर्ति, कांग्रेस के आर ध्रुवनारायण से सिर्फ एक वोट से हार गए थे. यह सांथेमरहल्ली विधानसभा सीट पर हुआ था. कृष्णमूर्ति को 40,751 वोट मिले, जबकि ध्रुवनारायण केवल एक अतिरिक्त वोट (40,752) के साथ विजयी हुए.

जब 10 से कम वोटों से मिली दिग्गजों को हार

राजनीति में ऐसे भी कई बार मौके आए जब दिग्गजों को 10 से कम वोटों से भी हार का मुंह देखना पड़ा. ताजा उदाहरण 2018 में हुए मिजोरम विधानसभा चुनाव को लेकर देखा गया है. यहां पर तुइवावल विधानसभा सीट पर मिजोरम नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के लालचंदामा राल्ते ने मौजूदा कांग्रेस विधायक आरएल पियानमाविया को सिर्फ तीन वोटों से हरा दिया था. इस चुनाव में राल्ते को 5,207 वोट मिले थे तो वहीं पियानमाविया को 5,204 वोट मिले. 1989 में कांग्रेस के कोनाथला रामकृष्ण ने आंध्र प्रदेश की अनाकापल्ली सीट से उपविजेता से सिर्फ नौ अतिरिक्त वोट हासिल करके लोकसभा चुनाव में फतह हासिल की थी. तो वहीं 1998 में जब भाजपा के सोम मरांडी ने बिहार की राजमहल लोकसभा सीट से फतह हासिल की थी. इस बार भी जीत का अंतर मात्र नौ वोटों से कम का रहा.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

केस दर्ज होने के खिलाफ AMU में छात्रों का प्रदर्शन, छात्र संघ चुनाव कराने की मांग पर अड़े

AMU छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा, जिन बच्चों का सस्पेंशन किया है उन्हें बहाल…

14 minutes ago

‘वे दोषी साबित न होने तक निर्दोष…’, अमेरिका में अडानी से जुड़े 54 पेज के केस पर बोले अधिवक्ता विजय अग्रवाल

Gautam Adani Indictment In US: दिल्‍ली में नामचीन क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट विजय अग्रवाल ने अभी…

59 minutes ago

BGT Perth Test: टीम इंडिया 9वीं बार विदेशी सीरीज में पहले ही दिन हुई ऑल-आउट

Border-Gavaskar Trophy: भारतीय टीम पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 150 रन बनाकर ऑल-आउट…

1 hour ago

Norway की राजकुमारी के बेटे पर लगा ऐसा गंभीर आरोप कि झेलनी पड़ रही शर्मिंदगी, जानें पूरा मामला

नॉर्वे की राजकुमारी मेटे-मैरिट के बेटे मैरियस बोर्ग होइबी पर यौन उत्पीड़न और रेप के…

2 hours ago

BGT Test Series: बल्ले से खराब फॉर्म के बीच कैच छोड़ने के मामले में भी कोहली ने बनाया अनचाहा रिकॉर्ड

Border-Gavaskar Trophy: पर्थ में विराट कोहली ने 12 गेंदों पर 5 रनों की पारी खेली…

2 hours ago