Siyasi Kissa: 1957 में जब 3 सीटों से Atal Bihari Vajpayee ने लड़ा था लोकसभा चुनाव, यहां से हो गई थी जमानत जब्त
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पत्रकारिता से अपने करिअर की शुरुआत की थी, जो 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल होने के बाद समाप्त हो गया, यह आज की भारतीय जनता पार्टी है.
Siyasi Kissa: क्या एक पार्टी के दौरान इंदिरा गांधी पर उनके बेटे संजय गांधी ने हाथ उठाया था?
इमरजेंसी के दौरान पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी पत्रकार लुईस एम. सिमंस को भारत से निर्वासित कर दिया गया था. उस जमाने में उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के लिए एक खबर लिखी थी, जिसमें बताया था कि एक पार्टी के दौरान संजय गांधी ने अपनी मां इंदिरा गांधी को थप्पड़ मार दिया था.
Siyasi Kissa: एक फिल्म के चलते जब देश में मच गया था बवाल, प्रधानमंत्री के बेटे को हुई थी जेल
फिल्म ‘किस्सा कुसी का’ का निर्देशन अमृत नाहटा ने किया था. यह एक राजनीतिक व्यंग्य थी. फिल्म में शबाना आजमी, उत्पल दत्त, रेहाना सुल्तान, सुरेखा सीकरी और राज किरण प्रमुख भूमिकाओं में थे.
Siyasi Kissa: मॉडल और पत्रकार रह चुकीं मेनका गांधी का इस तरह शुरू हुआ था राजनीतिक करिअर, पहली बार दिखी थीं इस विज्ञापन में
भाजपा सांसद मेनका गांधी कभी कॉलेज में होने वाले ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. महज 17 साल की उम्र में उन्होंने पहला विज्ञापन किया था. एक शादी पार्टी में उनकी संजय गांधी से मुलाकात हुई थी.
Siyasi Kissa: जब इस मुद्दे को लेकर एकजुट हो गए थे अटल और चौधरी चरण सिंह, विपक्षी एकता की रखी थी नींव
आज भले ही BJP और RLD के गठबंधन को लेकर राजनीति में तरह-तरह की बातें होती हों, लेकिन ये रिश्ता नया नहीं है. दूसरा, इसे एक बड़ा संयोग ही माना जाएगा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न भी उस समय दिया गया है, जब केंद्र में भाजपा की सरकार है.
Siyasi Kissa: पहली बार चुनावी मैदान में उतरे अमिताभ के लिए लड़कियों ने फेंक दिए थे अपने दुपट्टे, पढ़ें बिग बी से जुड़ा यह रोचक किस्सा
राजीव गांधी की रणनीति के हिसाब से ही आखिरी वक्त तक किसी को इस बात की जरा भी जानकारी नहीं थी कि कांग्रेस ने अमिताभ को चुनावी मैदान में उतारा है.
Siyasi Kissa: एक बार राजीव गांधी ने अमिताभ बच्चन को ‘स्नेक’ कह दिया था, जाने वो किस्सा
राजीव गांधी ने अमिताभ को 1984 के आम चुनाव में पूरी रणनीति के साथ इलाहाबाद सीट से उतारा और अमिताभ की लोकप्रियता के बीच हेमवती नन्दन बहुगुणा को हार का मुंह देखना पड़ गया था.
Siyasi Kissa: अमिताभ न हारें इसलिए राजीव ने खेला था ये दांव… एक रात की प्लानिंग ने पलट दी थी सियासत की कहानी
वह साल 1984 था, जब देश की सियासत में भूचाल आ गया था. इस दौरान प्रधानमंत्री गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने कांग्रेस पार्टी के साथ ही देश की कमान अपने हाथ में थामी थी.
Siyasi Kissa: जब किराया न चुका पाने के कारण मकान मालिक ने पूर्व प्रधानमंत्री का सामान घर के बाहर फिंकवा दिया था
उस जमाने में तमाम ऐसे नेता रहे हैं, जिनके राजनीति में आने की बाद उनकी संपत्ति नहीं बढ़ी, न ही उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों के लिए राजनीति तक पहुंच को आसान बनाया. यही नहीं तमाम ऐसे भी रहे, जिनके पास अपना कोई घर नहीं रहा, बल्कि वे ताउम्र किराये के मकानों में गुजर-बसर करते रहे.
Siyasi Kissa: जब वोट देने में झिझकती थीं महिलाएं, नहीं बताती थीं अपना नाम… जानें कैसे हुआ था देश का पहला चुनाव
चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में करीब 17.32 करोड़ मतदाता देश में थे, जिसमें से 85 फीसदी मतदाता साक्षर नहीं थे.