Pitambara Peeth: देश के प्रमुख देवी शक्तिपीठों में से मध्यप्रदेश का पीताम्बरा पीठ एक है. नेता हो या अफसर या फिल्मों से जुड़ी कोई बड़ी शख्सियत मां के दरबार में अपनी फरियाद लगाते हुए देखे जाते हैं. तंत्र -मंत्र और अनुष्ठान के लिए खास तिथियों पर यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है. पीताम्बरा शक्ति पीठ के साथ कई सारे रहस्य भी जुड़े हुए हैं. मां पीतांबरा शक्ति पीठ की स्थापना 1935 में हुई थी. कहते हैं कि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए राजनीतिज्ञों से लेकर व्यापारियों तक का यहां मेला लगा रहता है.
ये नेता लगा चुके हैं दरबार में हाजिरी
यहां आने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया जैसी हस्तियां हैं. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री अमित शाह, वसुंधरा राजे सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान भी मां के दर्शन के लिए आ चुके हैं.
दिन में तीन बार बदलती हैं मां अपना स्वरुप
मां के दर्शन एक छोटी खिड़की के माध्यम से होते हैं. यह भी कहा जाता है कि मां दिन में तीन बार अपने स्वरुप बदलती हैं. कई नेताओं ने मां के दरबार में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए हाजिरी लगाई थी. देश पर जब कभी भी संकट आया है तो मां की शरण में देश के बड़े-बड़े नेता आए हैं. कहते हैं कि जब 1962 में चीन के साथ भारत की लड़ाई हुई थी तो भी यहां पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने विशाल यज्ञ करवाया था.
पीला रंग है प्रिय
यहां स्थित मंदिर में मां को पीले वस्त्र पीले भोग अर्पण करने की प्रथा है. दिन के तीनों पहर में मां के बदलते स्वरूप के पीछे के रहस्य को आज तक कोई नहीं जान पाया. मां बगलामुखी की उपासना के लिए प्रसिद्ध शक्तिपीठ में से एक इस शक्तिपीठ में मुख्य रूप से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए लोग आते हैं. वहीं नवरात्रि के दिनों में यहां पर साधु संतों का जमावड़ा लगा रहता है.
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तंत्र मंत्र की देवी
कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि में भी गुप्त साधना द्वारा मां को प्रसन्न कर मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए लोग अनुष्ठान करते हैं. तंत्र मंत्र के लिहाज से भी इस पीठ को काफी खास माना जाता है कि अपनी स्थापना के बाद से ही इस पीठ की लोकप्रियता बढ़ती गई. कहा तो यहां तक जाता है कि मां पीतांबरा के दरबार में आज तक जिस किसी भी नेता ने हाजिरी लगाई वो कामयाबी की बुलंदियों तक जा पहुंचा.
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