भारतीय मेंस टेबल टेनिस टीम को 10 अक्टूबर (गुरुवार) को कजाकिस्तान के अस्ताना में चल रहे एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में चीनी ताइपे से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा. इस हार के कारण टीम को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. भारतीय महिला टीम ने भी एक दिन पहले इस प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 1972 से शुरू हुई इस चैम्पियनशिप में भारतीय महिला टीम का यह पदक था.
वर्ल्ड रैंकिंग में 42वें नंबर पर काबिज अचंता शरत कमल को दुनिया के सातवें नंबर के प्रतिद्वंद्वी लिन युन जू से कड़ी चुनौती मिली. वह 11-7, 12-10, 11-9 से हार गए. इसके बाद मानव ठक्कर को दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी काओ चेंग-जुई से हार का सामना करना पड़ा. चीनी ताइपे के इस खिलाड़ी ने ठक्कर को 11-9, 8-11, 11-3, 13-11 से हरा दिया. तीसरे मैच में हरमीत देसाई को भी निराशा का सामना करना पड़ा जो हुआंग यान-चेंग से 6-11, 9-11, 7-11 से हार गए. इस तरह से भारत को चीनी ताइपे के खिलाफ 0-3 से हार का सामना करना पड़ा.
भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (TTFI) ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘हार के बावजूद भारतीय पुरुष टीम गर्व महसूस कर सकती है क्योंकि इस प्रतिष्ठित एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. पुरुष और महिला टीमों ने शानदार जज्बा और दृढ़ संकल्प दिखाया जिससे पता चलता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस में लगातार आगे बढ़ रहा है.’’
-भारत एक्सप्रेस
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