पाकिस्तान इस समय राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संकटों के गंभीर दौर से गुजर रहा है. देश के भीतर अस्थिरता और बढ़ती हिंसा के कारण खेल आयोजनों पर भी गहरा असर पड़ रहा है. हाल ही में, श्रीलंका की ए टीम के पाकिस्तान दौरे के दौरान सुरक्षा कारणों से मैच को स्थगित करना पड़ा. साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की डेलिगेशन टीम भी पाकिस्तान (Pakistan) में जाकर अपना पूरा निरीक्षण कार्य पूरा करने में असमर्थ रही. यह घटनाएं चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions Trophy 2025) को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती हैं, जो पाकिस्तान में आयोजित होनी है.
पाकिस्तान में खेल आयोजन पिछले कुछ वर्षों से चुनौतीपूर्ण रहा है. 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम (Sri Lankan Cricket Team) पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीमों ने पाकिस्तान में खेलने से दूरी बना ली थी. हालांकि, हाल के वर्षों में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board) ने सुरक्षा प्रबंधों को सुधारने की कोशिश की और कुछ बड़े टूर्नामेंट आयोजित किए. लेकिन हालिया घटनाएं, जैसे श्रीलंका ए टीम का स्थगित दौरा और आईसीसी निरीक्षण दल का अधूरा काम, यह दिखाती हैं कि सुरक्षा स्थिति अब भी संतोषजनक नहीं है.
आईसीसी द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को देना इस विश्वास का प्रतीक था कि देश सुरक्षा मामलों में सुधार कर चुका है. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कई देशों में असमंजस की स्थिति है. ऑस्ट्रेलिया (Australia), इंग्लैंड (England), और न्यूजीलैंड (New Zealand) जैसी टीमों के लिए खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में, उनके लिए पाकिस्तान में खेलने का जोखिम उठाना मुश्किल हो सकता है.
श्रीलंका ए टीम के दौरे को स्थगित करना केवल एक छोटी घटना नहीं है. यह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट बिरादरी के लिए एक चेतावनी है कि पाकिस्तान में मौजूदा सुरक्षा प्रबंध पर्याप्त नहीं हैं. इससे पहले न्यूजीलैंड ने भी 2021 में सुरक्षा चिंताओं के कारण अपना दौरा अचानक रद्द कर दिया था.
अगर मौजूदा हालात नहीं सुधरे, तो आईसीसी को चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान से छीनने पर विचार करना पड़ सकता है. भारत, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसे देशों को वैकल्पिक मेजबान के रूप में देखा जा सकता है, जहां सुरक्षा मानकों को लेकर कोई चिंता नहीं है.
पीसीबी इस समय दबाव में है. पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी को बनाए रखना और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी करना उनकी प्राथमिकता है. लेकिन सुरक्षा के मुद्दों और राजनीतिक अस्थिरता के चलते उनके प्रयासों को बड़ा झटका लग सकता है.
क्रिकेट एक खेल है जो शांति और एकता का प्रतीक है, लेकिन खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा से समझौता करना संभव नहीं है. पाकिस्तान में मौजूदा हालात यह सवाल उठाते हैं कि क्या देश ऐसे बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए तैयार है.
अगर पाकिस्तान अपनी सुरक्षा स्थिति को बेहतर करने में असफल रहता है, तो न केवल चैंपियंस ट्रॉफी बल्कि भविष्य में अन्य बड़े टूर्नामेंटों (Tournaments) की मेजबानी पर भी इसका असर पड़ेगा. आईसीसी और क्रिकेट खेलने वाले देश आने वाले महीनों में इस मुद्दे पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
इमरान खान (Imran Khan) की रिहाई की मांग को लेकर पीटीआई (PTI) समर्थकों ने इस्लामाबाद (Islamabad) की ओर प्रदर्शन मार्च शुरू किया, जिसे रोकने के लिए सरकार ने रास्ते में कई रुकावटें खड़ी कीं. हालांकि, सरकार के इन प्रयासों का प्रदर्शनकारियों ने कड़ा विरोध किया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई.
फिलहाल इस्लामाबाद में माहौल बेहद अशांत है. एक ओर इमरान खान के समर्थकों का हुजूम है, तो दूसरी ओर जनरल आसिम मुनीर (General Asim Munir) के नेतृत्व में सुरक्षा बल तैनात हैं. प्रदर्शनकारी कंटेनरों से बनाई गई बाधाओं को पार करते हुए राजधानी में प्रवेश कर चुके हैं, जिससे इस्लामाबाद पूरी तरह सैन्य क्षेत्र जैसा नजर आ रहा है.
पाकिस्तान में अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर शेड्यूल और वेन्यू पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस बीच, खबरों के अनुसार, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (International Cricket Council) इस टूर्नामेंट पर चर्चा के लिए एक अहम बैठक बुला सकती है. यह बैठक शुक्रवार, 29 नवंबर को होने की संभावना है, जिसमें टूर्नामेंट के शेड्यूल और आयोजन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. इस बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि चैंपियंस ट्रॉफी को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित किया जाएगा या किसी अन्य देश में शिफ्ट किया जाएगा.
इस सवाल का जवाब तलाशना जरूरी है कि क्या लाशों और सुरक्षा खतरों के बीच खेलों का आयोजन किया जाना चाहिए. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद हाल ही में उग्र विरोध प्रदर्शनों और सेना की कार्रवाइयों का केंद्र रही है. इमरान खान के समर्थकों और सेना के बीच जारी संघर्ष ने हालात को और खराब कर दिया है. ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल होगा.
आईसीसी जल्द ही इस मुद्दे पर बैठक करने जा रही है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Models) पर आयोजित किया जाएगा या किसी अन्य देश में स्थानांतरित किया जाएगा. भारत सरकार पहले ही अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर चुकी है, जिससे हाइब्रिड मॉडल की संभावना बढ़ गई है. हालांकि, कई देश पाकिस्तान में खेलने को तैयार नहीं होंगे.
अगर चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान से छीन ली जाती है, तो यह PCB के लिए बड़ा नुकसान होगा. यह न केवल पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी को झटका देगा, बल्कि वित्तीय रूप से भी बोर्ड को नुकसान उठाना पड़ेगा.
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान के लिए गौरव की बात हो सकती है, लेकिन सुरक्षा खतरों और आतंकी गतिविधियों के बीच यह निर्णय मानवीय मूल्यों पर सवाल खड़ा करता है. खेल का उद्देश्य शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना है, लेकिन अगर इसका आयोजन जान-माल की कीमत पर हो, तो इसे दोबारा सोचने की जरूरत है. पाकिस्तान को पहले अपनी सुरक्षा स्थिति सुधारनी होगी, तभी वह अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों का विश्वसनीय मेजबान बन सकेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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