मेलबर्न टेस्ट में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 184 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद सोमवार को टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा, “बहुत हो गया.” उनकी नाराजगी इस बात पर थी कि खिलाड़ी “नेचुरल गेम” के नाम पर अपनी मर्जी से खेल रहे थे, जबकि उन्हें हालात के अनुसार खेलना चाहिए था.
गंभीर 9 जुलाई को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के कोच बने थे. उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों तक उन्होंने टीम को अपनी रणनीति के हिसाब से खेलने दिया. अब वे खुद तय करेंगे कि टीम कैसे खेलेगी. उन्होंने इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि जो खिलाड़ी उनकी रणनीति का पालन नहीं करेगा, उसे टीम से बाहर कर दिया जाएगा.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम 1-2 से पीछे है और अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाना भी मुश्किल हो गया है. गंभीर ने खिलाड़ियों पर टीम रणनीति की अनदेखी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि खिलाड़ी योजनाओं पर अमल करने के बजाय अपनी मर्जी चला रहे हैं.
पिछले कुछ समय से बल्लेबाजों का प्रदर्शन कमजोर रहा है. बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज से ही बल्लेबाज संघर्ष कर रहे हैं. मेलबर्न टेस्ट में भी गलत शॉट सेलेक्शन के कारण भारत की हार हुई. मेलबर्न टेस्ट के आखिरी दिन लंच से पहले विराट कोहली ने एक वाइड गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश में अपना विकेट गवां दिया, जिससे टीम दबाव में आ गई. पहली पारी में ऋषभ पंत स्कॉट बोलैंड की गेंद पर लैप शॉट खेलकर आउट हो गए, और दूसरी पारी में पार्ट-टाइम स्पिनर ट्रैविस हेड की शॉर्ट गेंद पर पुल शॉट खेलते हुए लौंग ऑन पर कैच दे बैठे, जिससे एक के बाद एक विकेट गिरने शुरू हो गए. युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने भी गलत समय पर पुल शॉट खेलकर टीम की हार को तय कर दिया.
भारतीय क्रिकेट से जुड़े कई सूत्रों का कहना है कि ड्रेसिंग रूम का माहौल बिल्कुल भी सही नहीं है. टीम में ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट से पहले से ही तनाव बना हुआ है. पता चला है कि गौतम गंभीर ने टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा को टीम में शामिल करने की सिफारिश की थी, लेकिन चयनकर्ताओं ने इसे खारिज कर दिया. यहां तक कि पर्थ टेस्ट जीतने के बाद भी गंभीर पुजारा को लेकर अपनी बात रखते रहे.
यह भी कहा जा रहा है कि टीम में कुछ खिलाड़ी अपनी कप्तानी की दावेदारी पेश कर रहे हैं. रोहित शर्मा, जो दौरे की शुरुआत में टीम के साथ नहीं थे, बाद में जुड़ने पर स्थिति संभाल नहीं पाए.
भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ को लेकर भी कई तरह की बातें चल रही हैं. भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाया.
उन्होंने कहा, “टीम में अभिषेक नायर का क्या रोल है? क्या वह बैटिंग कोच हैं या असिस्टेंट कोच? गंभीर ने नायर से ज्यादा रन बनाए हैं, तो अगर वह खुद खिलाड़ियों को गाइड करें कि कैसे बल्लेबाजी करनी है और क्या रणनीति अपनानी है, तो शायद टीम बेहतर प्रदर्शन कर सके.”
रविचंद्रन अश्विन का दौरा बीच में छोड़ने का फैसला भी बहुत कुछ बयां करता है. उनके पिता ने एक भावनात्मक बयान दिया कि उनके बेटे ने अपमान के कारण दौरा छोड़ दिया. हालांकि, अश्विन ने बाद में इसे खारिज किया.
अब टीम आखिरी टेस्ट के लिए सिडनी पहुंच चुकी है. अगर भारत 2-2 से सीरीज ड्रॉ करता है, तो पिछली सीरीज जीतने के कारण वह ट्रॉफी बरकरार रखेगा. लेकिन टीम में एकजुटता की कमी और व्यक्तिगत खेल के कारण यह चुनौती आसान नहीं दिखती.
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-भारत एक्सप्रेस
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