EPFO Pension Scheme
EPFO Pension Scheme: इपीएफओ अपने कर्मचारियों को कई तरह की सुविधाएं देती है. जिसमे कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को लाभ प्रदान किया जाता है. EPFO EPS-1995 के तहत कर्मचारियों को 7 तरह की पेंशन उपलब्ध कराई जाती है. सभी को क्लेम करने के लिए अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार पेंशन का लाभ दिया जाता है जिसमें सुपर एनुवेशन, पूर्व पेंशन, विकलांगता पेंशन और चार अलग पेंशन को जोड़कर सात तरह के पेंशन का लाभ दिया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस पेंशन योजना के तहत कितने तरह के पेंशन दिए जाते हैं और कौन-कौन इसका लाभ उठा सकता है?
ईपीएफओ कर्मचारियों को सुपर एनुवेशन या वृद्धावस्था पेंशन का लाभ देते है जिसमे कर्मचारियों की 10 साल की सदस्यता और 58 वर्ष की आयु पूरी होने पर इसका लाभ प्रदान किया जाता है, जिसमे 10 साल की सदस्यता पूरी हो गई हो और 58 साल की आयु है तो उसके अगले दिन से ही पेंशन का लाभ देना शुरू कर दिया जाता है.
अगर किसी कर्मचारी का पीएफ खाता है और वह कंपनी में 10 साल तक काम करते है और 10 साल के बाद नौकरी छोड़ देते है और कुछ ऐसा काम करते है जहां ईपीएफ का नियम लागू नहीं होता है तो वह 50 साल की आयु पूरे होने पर पेंशन का लाभ ले सकते है अगर आप 58 वर्ष से पहले पेंशन का लाभ लेते है तो वह पूर्व पेंशन कहलाता है.
अगर आप पूर्व पेंशन का लाभ लेते है तो आपके आयु के अनुसार ही 4 फीसदी पैसे काटकर पेंशन का लाभ दिया जाता है. मान लीजिए अगर कोई 58 वर्ष की आयु में 10 हजार रुपये पेंशन का हकदार होता है तो उसे 57 वर्ष की आयु में पेंशन 4 फीसदी दर कम करते 9,600 रुपये पेंशन दिया जाएगा.इसी तरह 56 साल की आयु में इसे पेंशन 9,216 रुपये पेंशन मिलेगी.
अगर कर्मचारी किसी कारणवश विकालंग होने की स्थिति में रहते है जिसके कारण उन्हे नौकरी छोड़नी पर रही है तो उन्हे विकलांगता पेंशन का लाभ दिया जाता है इसके साथ ही इस पेंशन स्कीम का लाभ देने के लिए कोई न्यूनतम सदस्यता सीमा भी तय नहीं की गई है इसके साथ ही कर्मचारी अगर इस पेंशन का लाभ लेना चाहते तो कम से कम उनका 1 महीने का अंशदान का होना आवश्यक है.
अगर किसी सदस्य की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी और दो बच्चों को पेंशन दी जाती है. अगर दो से ज्यादा बच्चे हैं तो 25 की आयु पूरे होने तक पहले दो बच्चों को पेंशन दी जाती है. जब बड़े बेटे की उम्र 25 साल हो जाती है तो उसकी पेंशन रोक दी जाती है और तीसरे बच्चे की पेंशन शुरू हो जाती है. यही क्रम आगे चलता रहता है जब तक की सभी बच्चों की उम्र 25 साल नहीं हो जाती.
ईपीएस 1995 के तहत अगर किसी कर्मचारी और उनके जीवनसाथी की भी मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में अनाथ पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाता है जिसका लाभ कर्मचारी के बच्चों को दिया जाता है. इसके अलावा नामांकित पेंशन सदस्य के द्वारा नामांकित व्यक्ति को पेंशन दी जाती है. इस पेंशन योजना के तहत नामांकन तभी संभव है, जब सदस्य के परिवार में कोई जीवित न हो. परिवार से मतलब पत्नी-बच्चों से है.
अगर पेंशनर्स अविवाहित हो और उसकी मौत हो जाती है. साथ ही सदस्य ने किसी को नामांकित भी नहीं किया है तो उसके पिता को पेंशन दी जाती है. ईपीएस के तहत पेंशन का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना जरूरी है. अगर आप पेंशन के लिए अप्लाई नहीं करते हैं तो आपको पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस
संसद में लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर बनने के बाद ओम बिरला ने सांसदों के…
IRCTC: ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम से सभी के लिए टिकट बुकिंग करना आसान हो गया…
ओम बिरला राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं. एनडीए की तरफ…
Lok Sabha Speaker: नीलम संजीव रेड्डी ऐसे सांसद रहे हैं जो दो बार लोकसभा अध्यक्ष…
संथाल आदिवासी समाज ने बुधनी मंझियाईन का विरोध शुरू कर दिया. आदिवासी समाज ने एक…
Treadmill Safety Tips: अगर आप घर पर या फिर शरीर को फिट रखने के लिए…