दुनिया

Bangladesh में चिन्मय कृष्ण दास समेत Iskcon से जुड़े 17 लोगों के बैंक खाते फ्रीज

बांग्लादेश (Bangladesh) को चिन्मय कृष्ण दास (Chinmoy Krishna Das) की गिरफ्तारी और जेल में डाले जाने पर दुनिया भर के हिंदुओं से कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार ने कथित तौर पर देश के बैंकों को बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्सियसनेस (Iskcon) से जुड़े 17 लोगों के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है.

ढाका में स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार को बताया कि बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई (BFIU) ने इस्कॉन बांग्लादेश से जुड़े 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया है. इसमें जेल में बंद इसके नेता चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल हैं.

रिपोर्ट से पता चला है कि देश के कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों को खातों से एक महीने के लिए सभी लेन-देन को निलंबित करने का सरकारी निर्देश भेजा गया है.

हिंदुओं पर निशाना

दास के अलावा बांग्लादेश सरकार द्वारा निशाना बनाए गए अन्य 16 हिंदुओं में कार्तिक चंद्र डे, अनिक पाल, सरोज रॉय, सुशांत दास, विश्व कुमार सिंघा, चंदिदास बाला, जयदेव करमाकर, लिपि रानी करमाकर, सुधामा गौर दास, लक्ष्मण कांति दास, प्रियतोष दास, रूपन दास, रूपन कुमार धर, आशीष पुरोहित, जगदीश चंद्र अधिकारी और साजल दास शामिल हैं.

बांग्लादेश के एक प्रमुख बंगाली अखबार प्रोथोम अलो (Prothom Alo) की रिपोर्ट के अनुसार, ‘BFIU के पत्र में कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम-2012 की धारा 23(1)(सी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत इस्कॉन और उसके संबंधित पक्षों तथा उनके स्वामित्व वाली संस्थाओं के नाम पर रखे गए खातों (आयात और निर्यात कंपनियों के खातों को छोड़कर) के लेनदेन को 30 दिनों के लिए निलंबित करने का आदेश दिया गया है. साथ ही, बीएफआईयू ने सभी खातों की लेखा संबंधी जानकारी, जैसे खाता खोलने का फॉर्म, केवाईसी फॉर्म, अप-टू-डेट लेन-देन विवरण आदि अगले तीन कार्य दिनों के अंदर भेजने को कहा है.’

25 नवंबर को हुए थे गिरफ्तार

बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रवक्ता रह चुके चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार (25 नवंबर) को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देशद्रोह (Sedition) के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. यह आरोप चटगांव में 25 अक्टूबर को हुई एक रैली से जुड़े हैं, जहां कथित तौर पर बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया गया था.

दास और 18 अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला 30 अक्टूबर को चटगांव में दर्ज किया गया था. इसमें उन पर राष्ट्रीय प्रतीकों को कमतर आंकने और अशांति भड़काने का आरोप लगाया गया था.

देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के सड़कों पर उतरने के बाद दास को मंगलवार (26 नवंबर) को चटगांव की एक अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया. इसी समय न्यायालय भवन में हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई. बांग्लादेश में कट्टरपंथी अब दास के समर्थकों को अधिवक्ता की मृत्यु के लिए दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि इस्कॉन और अन्य हिंदू संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय परिसर में उस दिन हुए उपद्रव में कोई हिंदू शामिल नहीं था.

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

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