Bharat Express

Sheikh Mujibur Rahman

14 अगस्त, 1975 के दिन राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट होना बांग्लादेश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय था. इसने न केवल बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया, बल्कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को भी बदल दिया.

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्ता पलटने के साथ ही वहां जमात-ए-इस्लामी और भारत विरोधी ताकतें हिंदुओं और प्राचीन हिंदू मंदिरों पर हमला करने लगी हैं.

Video: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच उपद्रवियों ने खुलना डिवीजन के मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर में आग लगा दी है. दंगाइयों द्वारा मंदिर में तोड़फोड़ किए जाने की भी सूचना है.

बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने कहा कि बांग्लादेश के हालात इस समय काफी गंभीर हैं. हमें उम्मीद नहीं थी कि वहां स्थिति इतनी जल्दी बिगड़ जाएगी.

सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना के बांग्लादेश से भारत पहुंचने के मिशन में विदेश मंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है. उनके भारत पहुंचने से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने सारी तैयारी कर ली थी.

देश में प्रदर्शन और हिंसा भड़कने से पहले शेख हसीना कई बार भारत का दौरा कर चुकी थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शेख हसीना को पहले से ही किसी अनहोनी का अंदेशा था.

5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हो गया. सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा के बीच उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा.

सरकारी नौकरियों के लिए कोटा सिस्टम के खिलाफ बांग्लादेश में बीते जुलाई महीने से जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 लोगों की मौत हो चुकी है.