भारत के जर्मनी में राजदूत हरीश पर्वथानेनी ने हेल्महोल्ट्ज़ लीपज़िग- हेल्महोल्ट्ज़ पर्यावरण अनुसंधान केंद्र और जर्मन बायोमास अनुसंधान केंद्र का दौरा किया. इस दौरान उनके साथ दूतावास के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
वहीं राजदूत हरीश पर्वथानेनी ने इस दौरे के बाद बायोमास अनुसंधान और भारत में नवीनतम बायोएनर्जी के समाधान और उसके अनुप्रयोगों को लेकर भारत और जर्मनी के बीच सहयोग को लेकर चर्चा की. राजदूत हरीश पर्वथानेनी ने डॉ. रॉल्फ अल्टेनबर्गर के साथ अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान UFZ की डेनियला थ्रान, DBFZ के डॉ. माइकल नेल्स के अलावा बायोएनर्जी में वर्तमान में चल रहे शोध पर उनके सहयोगी भी इस चर्चा में शामिल रहे.
बता दें कि कई क्षेत्रों में जर्मनी और भारत के बीच संबंधों में पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी आई है. लोकतांत्रिक मूल्यों, नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, बहुपक्षवाद, साथ ही बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार जैसे मसलों भारत और जर्मनी के साझा उद्देश्य हैं.
हाल के कुछ सालों में जर्मनी उच्च शिक्षा, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के इच्छुक भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है. भारत और जर्मनी के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं और भारत पर काम करने वाले जर्मन विद्वानों की एक लंबी परंपरा रही है. जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
भारत एक्सप्रेस
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