दुनिया

Pushpa Kamal Dahal: चीन के नजदीकी प्रचंड के हाथ में नेपाल की कमान, भारत को लेकर उठा चुके हैं यह मुद्दा

Pushpa Kamal Dahal: बीते रविवार का दिन नेपाल में राजनीति के लिहाज से एक अहम दिन रहा. नेपाल में विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दलों में सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनी. इसके साथ ही ‘प्रचंड’ आज यानी 26 दिसंबर को नेपाल के प्रधानंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं.

नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय के ट्वीट के अनुसार ‘प्रचंड’ आज शाम 4 बजे तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. बहुमत के हिसाब से देखा जाये तो सीपीएन-माओवादी केंद्र के प्रमुख पुष्प कमल दहल को प्रतिनिधि सभा में आवश्यक बहुमत 138 की संख्या से भी ज्यादा 168 सांसदों का समर्थन मिला है. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाले विपक्षी सीपीएन-यूएमएल भी शामिल है.

गरीबी में गुजरा था ‘प्रचंड’ का बचपन

11 दिसंबर 1954 को पोखरा के पास कास्की जिले के धिकुरपोखरी में जन्मे प्रचंड का शुरुआती जीवन काफी अभाव भरा रहा. बचपन में गरीबी देखने के बाद उनका झुकाव वामपंथी विचारधारा की ओर होने लगा. इससे प्रभावित होकर वे 1981 में नेपाल की एक अंडरग्राउंड कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए. तकरीबन आठ सालों बाद 1989 में वह इस पार्टी के बड़े नेता बन गए.

इसे भी पढ़ें: Covid in China: वैक्सीन की तीनों डोज लेने वाले भी चीन में कोरोना के कहर से सुरक्षित नहीं, दूसरा बूस्टर शॉट लगवाने की सलाह

नेपाल में हिंदू राजशाही के खिलाफ ‘प्रचंड’ ने चलाया था अभियान

सन 1990 में नेपाल में लोकतंत्र की बहाली हो गई. इसके बावजूद प्रचंड को 13 साल अंडरग्राउंड रहना पड़ा. माना जाता है कि इन 13 सालों में उनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी. नेपाल में हिंदू राजशाही के खिलाफ उन्होंने तकरीबन एक दशक (1996 से 2006 तक) लंबे सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था. हालांकि, पुष्प कमल दहल (Pushpa Kamal Dahal) को चीन के काफी नजदीक माना जाता है. उनके कई बयान चीन के समर्थन से भरे हुए हैं.

भारत को लेकर उठा चुके हैं इन मुद्दों को

पुष्प कमल दहल (Pushpa Kamal Dahal) अपनी चर्चा में भारत से सीमा के मुद्दे को उठाते रहे हैं. इस साल 2022 में वह भारत अपनी तीन दिनों की यात्रा पर आए थे. इस दौरान भी उन्होंने नेपाल और भारत के बीच के सीमा विवाद का मुद्दा उठाया था. इस मुद्दे के अलावा उन्होंने 1950 के भारत नेपाल मैत्री समझौते की एक बार फिर समीक्षा की मांग की थी.

Rohit Rai

Recent Posts

झारखंड के सभी पूर्व CM मिलकर मुझे पद से हटाने में जुटे हैं: हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने कहा कि अगले 5 वर्ष में हर घर को मजबूत करने का…

11 mins ago

IND vs BAN, 1st Test: अश्विन के शतक और जडेजा के साहस से भारत मजबूत

IND vs BAN, 1st Test: भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज हो…

2 hours ago

Ernst & Young: 26 वर्षीय CA की मौत की जांच कराएगी केंद्र सरकार, मां का पत्र- कंपनी के ‘वर्कलोड’ से गई मेरी बेटी की जान

अर्नस्ट एंड यंग (EY) में काम करने वाली CA अन्ना सेबास्टियन की हाल ही में…

2 hours ago

कारों में कैंसरकारक केमिकल: एनजीटी ने केंद्र व अन्य विभागों से 8 हफ्तों में जवाब मांगा

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टीसीआईपीपी, टीडीसीआईपीपी और टीसीईपी जैसे केमिकल के संपर्क…

3 hours ago

Amitabh Bachchan संग जया की शादी नहीं कराना चाहते थे पंडित, ससुर ने बरसों बाद बताई ये बात

Amitabh Bachchan Wedding: अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की शादी 1973 में हुई थी. लेकिन…

3 hours ago

कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद HC के जजों की नियुक्ति नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में जजों और चीफ…

3 hours ago