प्रतीकात्मक तस्वीर
Reserve Bank Of India ने कड़ा रवैया अपनाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की नामी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक पर 2.2 करोड़ रुपए का तगड़ा जुर्माना लगाया है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने कामकाज में रुल्स और रेगुलेशन्स को दरकिनार करते हुए कई कामों को अंजाम दिये हैं. उसी वजह से RBI ने उस पर एक्शन लिया है. RBI का कहना है कि IOB ने बैड लोन की पहचान करने में लापरवाही भरा रवैया अपनाया है. इसके अलावा प्रॉफिट में फंड रिजर्व कोटा की भी अनदेखी की गई. इन सब गलतियों के चलते RBI ने बैंक पर जुर्माना ठोंका है.
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कब हुई कार्यवाई-
RBI ने 29 मई को बैंक पर जुर्माना लगाने का ऐलान किया. आरबीआई ने साफतौर पर कहा है कि उन्होने ये कदम विनियामक अनुपालन में कमियां पाए जाने के चलते लिया है. साथ ही उन्होने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय बैंक की इस कार्यवाई का इंडियन ओवरसीज बैंक का अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है.
फंड ट्रांसफर में नहीं रहा कामयाब- इंडियन ओवरसीज बैंक अपने रिजर्व फंड में वर्ष 2020-21 के लिए घोषित लाभ का 25 फीसदी मिनिमम मैंडेटरी ट्रांसफर करने में विफल रहा. ٖइन सभी गलतियों के बाद आखिरकार Indian Overseas Bank ने ये कार्यवाई की.
पहले भी RBI कर चुका है कार्यवाई-
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इंडियन ओवरसीज बैंक से पहले सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक पर जुर्माना लगया था . जहां सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 84.50 लाख रुपए का तो वहीं केनरा बैंक पर वित्तीय अनियमितता के आरोप में 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था. केनरा बैंक ने एलिजिबल न होने के बाद भी यूनिट पर अकाउंट खोलने का काम था . जिसका पता चलने पर RBI ने कार्यवाई की थी.
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