दिल्ली हाईकोर्ट
Jamia Land Dispute: दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) से उस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसने तीसरे पक्ष को अपनी बहुमूल्य जमीन बेचने के लिए पिछली तारीख से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करवाया है, जिससे जमीन बेचने पर लगने वाली अदालती रोक को निष्प्रभावी किया जा सके.
विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार रहे नाजिम हुसैन अल जाफरी ने आरोप लगाया है कि उनके एनओसी जारी करने से इनकार करने के बावजूद जामिया मिलिया ने उस भूमि की बिक्री को मंजूरी दे दी, उसका अधिकार है.
उस समय जाफरी इस मुद्दे पर निर्णय लेने वाले उस कार्यकारी परिषद (ईसी) के सचिव भी थे, जिसके सदस्य-गणों में राष्ट्रपति के तीन प्रतिनिधि, जामिया के विजिटर होते हैं.
जाफरी ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पिछले साल 4 अगस्त को परिषद की बैठक के तुरंत बाद तत्कालीन कुलपति ने उनसे तीसरे पक्ष के पक्ष में एनओसी जारी करने के लिए कहा. उन्होंने ऐसा करने इनकार कर दिया, क्योंकि उसको लेकर कई आपत्तियां आ चुकी थीं.
एनओसी अवैध रूप से बनवाया
जाफरी ने कहा कि 23 अगस्त 2023 को कुलपति ने गुस्से में उनसे कहा कि वह तुरंत पिछली तारिख का एनओसी जारी करें, क्योंकि अगले दिन हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. जब कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में ही प्रस्तावित बिक्री पर रोक लगा दी, तो खरीददार ने दो सदस्यीय पीठ का रुख किया और वहां जामिया मिलिया ने एनओसी पेश किया. साथ ही दावा किया कि यह पहले ही जारी किया जा चुका है.
इसका हवाला देते हुए जाफरी ने कहा कि जब कार्यकारी परिषद ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया तो यह एनओसी जामिया प्रशासन ने अवैध रूप से पिछली तारीख का बनवाया है.
अधिवक्ता ने कहा कि उस समय इस आधार पर जकिया जहीर नामक तीसरे व्यक्ति को एनओसी दिए जाने का विरोध किया गया था कि यह जामिया मिलिया इस्लामिया के हितों के खिलाफ है. कोर्ट जामिया मिडिल स्कूल के शारीरिक शिक्षा शिक्षक हरीसुल हक की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें जमीन की बिक्री को चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया पूरा किए बगैर जमीन की बिक्री के लिए एनओसी जारी करने का प्रयास किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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