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“बद्रीनाथ धाम कभी बौद्ध मठ था”, ज्ञानवापी विवाद पर बोले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, कहा- गड़ा मुर्दा उखाड़ा जाएगा तो बात बहुत गहरी जाएगी

सपा नेता ने दावा किया कि देश में अधिकांश हिंदू मंदिर और तीर्थस्थल बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं. हालांकि, जब उनसे इसका प्रमाण मांगा गया तो उन्होंने ASI जांच का हवाला दे दिया.

Swami Prasad Maurya

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या

Swami Prasad Maurya: ज्ञानवापी सर्वे को लेकर समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ASI अगर जांच कर रही है, तो सिर्फ ज्ञानवापी ही क्यों, तमाम हिंदू मंदिरों की भी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि अधिकांश हिंदू तीर्थ-स्थल बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं. सपा नेता मौर्य ने दावा किया कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था, लेकिन बाद में आदिशंकराचार्य ने इसे हिंदू मंदिर में तब्दील करा दिया.

गुरुवार को एक निजी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की मुखालफत की. उन्होंने कहा कि 1947 के बाद देश के तमाम तीर्थ-स्थल और मॉन्यूमेंट को यथा स्थिति में रखने की बात कही गई थी, उसका पालन होना चाहिए. मौर्य ने कहा कि अगर गड़े मुर्दे उखाड़े जाते हैं तो बात बहुत गहरी तक जाएगी.

सपा नेता ने दावा किया कि देश में अधिकांश हिंदू मंदिर और तीर्थस्थल बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं. हालांकि, जब उनसे इसका प्रमाण मांगा गया तो उन्होंने ASI जांच का हवाला दे दिया. उन्होंने कहा कि जब सबकी जांच हो रही है, तो हिंदू मंदिरों की भीं ASI से जांच करा लेनी चाहिए कि उनका असल अस्तित्व क्या है.

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गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवाजवादी पार्टी में शामिल होते ही हिंदू मान्यताओं पर प्रश्नचिन्ह खड़े करते रहे हैं. पहले उन्होंने हिंदू साधु-संन्यासियों को गेरुआ वस्त्र में आतंकवादी बताया था. उसके पहले उन्होंने श्रीराम चरित मानस की चौपाई को लेकर भी सवाल खड़े किए थे. तब उनके इन बयानों को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. अब ज्ञानवापी मामले में उन्होंने हिंदू मंदिर और खासकर बद्रीनाथ धाम के वर्तमान अस्तित्व पर ही सवाल खड़े किए हैं.

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