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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते Chandra Bose का भाजपा से मोहभंग, इस्तीफे के बाद INDIA और भारत को लेकर कह दी बड़ी बात

चंद्र बोस ने लिखा, ”बीजेपी की रूपरेखा का प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा का प्रचार करना है.”

Chandra Bose

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Chandra Bose: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बुधवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया. चंद्र कुमार बोस 2016 में पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष थे. अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा है, “सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए भाजपा से न तो केंद्र या राज्य स्तर पर कोई समर्थन मिला. ” मैंने लोगों तक पहुंचने के लिए बंगाल की रणनीति का सुझाव देते हुए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा था. मेरे प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया गया. इन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए, मेरे लिए भाजपा के सदस्य के रूप में बने रहना असंभव हो गया है.

दादा शरत चंद्र बोस की 134वीं जयंती पर चंद्र बोस ने दिया इस्तीफा

पत्र में उन्होंने लिखा, “मैंने बोस परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण तारीख को यह महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए चुना है, जो कि मेरे दादा शरत चंद्र बोस की 134वीं जयंती है, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, गुरु और कॉमरेड-इन-आर्म्स हैं.”

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बोस ने की पीएम मोदी के विकास कार्यक्रम की सराहना

बीजेपी में शामिल होने के बारे में बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने पीएम मोदी के नेतृत्व और विकास कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कहा, “तब मेरी चर्चा बोस ब्रदर्स की समावेशी विचारधारा पर केंद्रित थी. तब और बाद में मेरी समझ यह रही है कि मैं इस विचारधारा को भाजपा के मंच पर पूरे देश में प्रचारित करूंगा. इसके अलावा एक आज़ाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया था.”

चंद्र बोस ने लिखा, ”बीजेपी की रूपरेखा का प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा का प्रचार करना है.”अपने इस्तीफे के बाद, चंद्र बोस ने INDIA बनाम भारत बहस पर टिप्पणी की और कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि INDIA, भारत है, जैसा कि संविधान में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है.

-भारत एक्सप्रेस

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