IAF Manufacture R-73E Missile
IAF Manufacture R-73E Missile: अभिनंदन वर्धमान याद है? उन्होंने जिस मिसाइल से पाकिस्तानी फायटर जेट को मार गिराया था. अब वह भारत में ही बनने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है. इस घातक मिसाइल का नाम है R-73E. यह कम दूरी तक हवा से हवा में वार करने वाली मिसाइल है. अब रक्षा मंत्रालय आत्मनिर्भरता पर देश के बढ़ते फोकस के साथ, इसकी जरूरत को पहचान रही है. फिलहाल इसे रूस में बनाया जाता है. 30 किलोमीटर के दायरे में यह दुश्मनों के लिए मानो काल है. अब इसे भारत में बनाने की योजना है.
भारतीय वायु सेना चाहती है कि इसके एडवांस वर्जन को फाइटर जेट में लैस किया जाए. इसे अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत “मेक III” प्रोजेक्ट में बनाया जाएगा. भारत में बनने जा रही R-73E मिसाइल का रेंज 30-40 किलोमीटर तक हो सकता है. यह मिसाइल आराम से हवा में किसी भी दिशा में टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकती है.
R-73E एक बहुमुखी मिसाइल
इस मिसाइल की विशिष्ट विशेषता, इसकी मारक क्षमता है. यह किसी भी दिशा में, दिन-रात की परवाह किए बिना, यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन करती है. R-73E एक बहुमुखी मिसाइल है जिसका उपयोग लड़ाकू विमानों से लेकर हमलावर विमानों तक एक सीरीज में किया जाता है. R-73E में 2,500 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति और 0.02 से 20 किलोमीटर के बीच अलग-अलग ऊंचाई पर चल रहे लक्ष्यों को रोकने की क्षमता है. मिसाइल की अधिकतम उड़ान सीमा 30 किलोमीटर तक फैली हुई है, जो हवाई युद्ध में इसकी अनुकूलन क्षमता को बढ़ाती है.
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R-73E मिसाइल की कीमत 2019 के अशांत एपिसोड के दौरान अच्छी तरह से साबित हुई थी. तब विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान, पाकिस्तान में लगभग 60 घंटे तक रहने के बाद, भारतीय धरती पर पहुंचे. मिग-21 बाइसन की कमान संभालते हुए, विंग कमांडर वर्धमान ने कम दूरी की आर-73 मिसाइल का उपयोग करके एक पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया. पाकिस्तानी जेट को रोकने के लिए वह नियंत्रण रेखा LoC के पार चले गए. उनका मिग-21 मारा गया और बाद में उन्हें पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया.
विदेशी निर्भरता में कमी
आत्मनिर्भर नीति के तहत आर-73 ई मिसाइलों का आंतरिक रूप से उत्पादन करने का प्रस्ताव मिसाइल निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्ग प्रशस्त करता है. यह पहल न केवल भारत के वायु रक्षा शस्त्रागार को मजबूत करती है बल्कि विदेशी निर्भरता में कमी के आत्मनिर्भर भारत के लोकाचार के साथ भी मेल खाती है.
-भारत एक्सप्रेस
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