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“हिंदुओं की वजह से लोकतंत्र कायम…”, जावेद अख्तर ने मंच पर खड़े होकर लगाए ‘जय श्रीराम’ के नारे

जावेद अख्तर खुद को नास्तिक बताते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भगवान राम और देवी सीता की भूमि पर पैदा होने पर गर्व है.

संबोधित करते जावेद अख्तर

संबोधित करते जावेद अख्तर

Javed Akhtar:  गीतकार जावेद अख्तर एक हिंदू संस्कृति वाले बयान की खूब तारीफ हो रही है. जावेद अख्तर अपने उदार और प्रगतिशील विचारों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कहा,”हिंदू संस्कृति और परंपरा के कारण भारत में लोकतंत्र मौजूद है.” गीतकार अख्तर मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने हिंदू संस्कृति की सराहना की.

‘हिंदू उदार और बड़े दिल वाले हैं’- जावेद अख्तर

अख्तर ने समाज में बढ़ती असहिष्णुता पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि हालांकि हमेशा कुछ असहिष्णु व्यक्ति रहे हैं, एक समुदाय के रूप में हिंदुओं को आमतौर पर परोपकारी और खुले दिल वाले अद्भुत गुण के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि भारतीयों ने हिंदुओं के जीवन जीने के तरीके से सीखा है और कोई भी इसे नहीं छोड़ सकता है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं की बड़ी खासियत यही रही है. उनकी सोच विशाल रही है. यदि यह खासियत खत्म हो गई तो वे भी दूसरे लोगों की तरह हो जाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने तो आपसे ही जीना सीखा है, लेकिन क्या हिंदू ही उन मूल्यों को छोड़ देंगे?

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‘राम और सीता की भूमि पर जन्म लेने पर गर्व’

बता दें कि जावेद अख्तर खुद को नास्तिक बताते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भगवान राम और देवी सीता की भूमि पर पैदा होने पर गर्व है. इसके अलावा, उन्होंने कार्यक्रम में ‘जय सिया राम’ का नारा भी लगाया. गीतकार जावेद ने कहा कि ‘रामायण भारत की सांस्कृतिक विरासत है.’ उन्होंने बॉलीवुड की कल्ट फिल्म ‘शोले’ का उदाहरण भी दिया और कहा कि अगर फिल्म आज रिलीज होती तो मंदिर के अंदर हेमा मालिनी और धर्मेंद्र के डायलॉग पर बड़ा विवाद हो सकता था.

-भारत एक्सप्रेस



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