सीएम चंपई सोरेन ने हासिल किया विश्वास मत
Jharkhand Floor Test: झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है. सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े हैं, वहीं विपक्ष में 29 वोट. झारखंड मे चल रहे सियासी उथल-पुथल के बीच चंपई सोरेन की सरकार ने सोमवार (5 फरवरी) को विधानसभा में 47 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत हासिल कर लिया. चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद सीएम पद की शपथ ली थी.
चंपई सरकार ने पास किया फ्लोर टेस्ट
सीएम बनने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करना था. जिसे उन्होंने आज आसानी के साथ पास कर लिया. फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में सदन को संबोधित करते हुए सीएम चंपई सोरेन ने कहा था कि वे हेमंत सोरेन पार्ट-2 हैं. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा था.
झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 47 विधायकों के समर्थन के बाद फ्लोर टेस्ट जीत लिया।
विपक्ष में 29 विधायक रहे।#JharkhandPolitics pic.twitter.com/z36LNyX7bc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2024
पूर्व सीएम बोले- पूरा गठबंधन चंपई के साथ
वहीं फ्लोर टेस्ट के दौरान झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “मैं आज इस सदन में चंपई सोरेन के विश्वास मत का हिस्सा बन रहा हूं. हमारी पूरी पार्टी और गठबंधन दल चंपई सोरेन को समर्थन करता है.”
मेरी गिरफ्तारी में राजभवन भी शामिल- हेमंत सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “31 जनवरी की काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है. मेरे संज्ञान में 31 तारीख की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी हुई है. मुझे लगता है इस घटना को अंजाम देने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल है और जिस तरीके से यह घटित हुआ उससे मैं चकित हूं.”
“राजनीति से अपना इस्तीफा दे दूंगा…अगर”
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, “यह झारखंड है, यह देश का एक ऐसा राज्य है जहां हर कोने में आदिवासी-दलित वर्गों से अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी दी है. ED, CBI और IT जिन्हें देश के विशेष और काफी संवेदनशील व्यवस्थाएं कहीं जाती हैं. जहां करोड़ों रुपये डकार कर इनके सहयोगी विदेश में जा बैठे हैं, उनका एक बाल बांका करने की इनके पास औकात नहीं है. इनके पास औकात है तो देश के आदिवासी दलित-पिछड़ों और बेगुनाहों पर अत्याचार करना. अगर है हिम्मत तो सदन में कागज पटक कर दिखाएं कि यह साढ़े 8 एकड़ की ज़मीन हेमंत सोरेन के नाम पर है, अगर हुआ तो मैं उस दिन राजनीति से अपना इस्तीफा दे दूंगा.”
-भारत एक्सप्रेस
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