पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
बिहार में नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद एनडीए के पाले में आ गए. जिसके बाद उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई. नीतीश कुमार ने 9वीं बार राज्य के सीएम के रूप में शपथ ली थी. अब उनके सामने 12 फरवरी को बहुमत पेश करने की बड़ी चुनौती है. इससे पहले बिहार की सियासत भी गरमाई हुई है. आरजेडी अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.
बैठक के लिए विधायकों को बुलाया गया था
इसी बीच खबर आ रही है कि आरजेडी ने अपने सभी विधायकों को तेजस्वी यादव के आवास पर रोक रखा है. विधायकों को ये कहकर बुलाया गया था कि तेजस्वी यादव के आवास पर एक बैठक होने वाली है. बैठक के बाद से सभी विधायकों को वहीं पर रहने के लिए कहा गया है.
जेडीयू ने विधायकों को जारी किया व्हिप
दूसरी ओर फ्लोर टेस्ट से पहले जेडीयू ने भी अपने सभी विधायकों को 11 फरवरी को होने वाली विधानमंडल दल की बैठक में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए हैं. सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से बैठक में रहने के लिए कहा गया है.
यह भी पढ़िए: PM मोदी इस तारीख को UAE जाएंगे, अरब मुल्क में करेंगे पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन, 2015 के बाद यह उनकी 7वीं यात्रा
3 घंटे तक तेजस्वी के आवास पर चली बैठक
तेजस्वी यादव के आवास पर करीब 3 घंटे तक चली बैठक के बाद सभी विधायकों को पांच देश रत्न मार्ग स्थित आवास पर रोक दिया गया है. दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक भी हैदराबाद पहुंच गए हैं. कांग्रेस ने विधायकों के टूटने के डर से हैदराबाद भेजा है. बीते दिनों दिल्ली में हुई बैठक में कांग्रेस के 19 में से 17 विधायक ही शामिल हुए थे. अब 16 विधायकों को हैदराबाद भेजा गया है.
वहीं जेडीयू ने अपने सभी विधायकों को मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर लंच के लिए बुलाया था. जेडीयू अपने विधायकों पर नजर बनाए हुए है. जेडीयू को भी डर सता रहा है कि उसके विधायक टूट सकते हैं. उधर जीतनराम मांझी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि नई सरकार में उन्हें महत्वपूर्व विभाग नहीं दिया गया. इसके साथ ही एक और मंत्री बनाए जाने की मांग भी वो कर रहे हैं. जीतनराम मांझी को लेकर खबरें उड़ रही हैं कि वो महागठबंधन के संपर्क में हैं.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.