संदेशखाली हिंसा को लेकर भाजपा लगातार आक्रामक है.
Sandeshkhali Violence Update: पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महिलाओं ने प्रदर्शन किया. इस मामले को लेकर भाजपा फिलहाल टीमएसी पर हमलावर है. हिंसा की जांच के लिए ममता सरकार ने SIT का गठन किया गया है. आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला.
उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख समेत टीएमसी के कई नेताओं पर यौन उत्पीड़न और कब्जे का आरोप लगाया. आरोप के बाद शाहजहां समर्थकों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. जिससे तनाव बढ़ गया. महिलाओं की मानें तो बलात्कार को साबित करने के लिए हमसे मेडिकल रिपोर्ट मांगी जा रही है. गांव की महिलाएं कैसे आगे आकर कहेगी कि उनके साथ बलात्कार हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारी कोई मदद नहीं कर पा रहा है.
महिलाओं ने लगाए ये आरोप
महिलाओं ने सांसद नुसरत जहां पर भी आरोप लगाए हैं. महिलाओं ने बताया कि हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है. जिला परिषद सदस्य शाहजहां शेख मुख्य आरोपी है. वे हमारे साथ गलत व्यवहार करते हैं. हम महिलाओं को बाहर जाने से डर लगता है. हम सुरक्षा चाहते हैं. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को इलाके का दौरा किया था. मामले में राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है.
राज्यपाल की रिपोर्ट पर टीएमसी ने साधा निशाना
राज्यपाल की रिपोर्ट को लेकर टीएमसी ने निशाना साधा है. टीएमसी प्रवक्ता कुनाल घोष ने कहा कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार, पक्षतापूर्ण और राजनीति से प्रेरित है. अगर राज्यपाल से सही स्थिति जाननी है तो उन्हें प्रशासन से बात करनी होगी. वहीं संदेश खाली हिंसा की जांच के लिए भाजपा ने भी एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया है.
बता दें कि ममता सरकार ने महिलाओं के हंगामे के बाद डीआईजी रैंक की महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टीम बनाई थी. टीम संदेशखाली का दौरा कर महिलाओं से बात करेगी. जिन्होंने आरोप लगाया है उनके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है.