मैथ्यू मिलर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता
पाकिस्तान के अंदर मारे जा रहे भारत के मोस्ट वॉन्टेड आंतकियों को लेकर वहां की खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है. दो साल के भीतर वहां 20 से ज्यादा कट्टरपंथी हमलावर और प्रमुख साजिशकर्ता मारे गए हैं. इन हत्याओं के पीछे इस्लामालाबाद ने भारत की खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ का हाथ बताया है. इन सब आरोपों पर ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने कथित तौर पर एक इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी की थी, जिस पर अब अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आई है.
“अमेरिका किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करेगा”
भारत पर पाकिस्तान में टारगेट किलिंग करवाने के लग रहे आरोपों के बीच अमेरिका ने बयान जारी किया है. अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि “हम इस मुद्दे पर मीडिया में आई रिपोर्ट को फॉलो कर रहे हैं. इन आरोपों पर अमेरिका किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करेगा. इसके साथ ही इस मामले में किसी भी तरह का हस्तक्षेप भी नहीं कर रहे हैं. दोनों पक्षों से अपील है कि वो तनाव और विवादों से बचने की कोशिश करें. इस मुद्दे का बातचीत के जरिए समाधान निकालें.
अज्ञात हमलावरों ने की थी हत्या
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि सियालकोट में शाहिद लतीफ और रावलकोट में मोहम्मद रियाज की हत्याओं के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी के एजेंट्स योगेश कुमार और अशोक कुमार आनंद का हाथ है. शाहिद लतीफ पठानकोट एयरबेस हमले का मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर का करीबी था. जिसकी 11 अक्टूबर 2023 को गोली मारकर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी.
खौफ के साए में जी रहे आतंकी
इन हत्याओं के बाद से पाकिस्तान में आतंकियों के अंदर खौफ समा गया है. आतंकी ‘Unknown gunman’ से डरकर अंडरग्राउंड हो गए हैं. वहीं आईएसआई ने भारत की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल आतंकियों को सुरक्षा दे दी है. इसके अलावा कुछ आतंकियों ने तो प्राइवेट गार्ड रख लिए हैं. उन्हें हाईटेक हथियार से लैस किया गया है. अब खुलेआम रैलियों और जलसे में शामिल होने से भी आतंकी कतरा रहे हैं.
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डर की वजह से अंडरग्राउंड हुए आतंकी
इन हत्याओं को लेकर ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के खुलासे के बाद से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की भी जमकर किरकिरी हो रही है. लश्कर चीफ हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया मौलाना मसूद अजहर इसी डर की वजह से सालों से अंडरग्राउंड रह रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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