दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जेल में बंद शराब कारोबारी ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदर्शक अमनदीप ढल को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई के मामले में दायर नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कथित आरोपी ने केस से नाम हटाने को लेकर अधिकारी को घूस देने की कोशिश की थी। उसके खिलाफ अलग से शिकायत दर्ज है। लिहाजा जमानत याचिका को खारिज किया जाता है।
पहले भी कोर्ट ने अंतरिम जमानत को बढ़ाने से किया था इनकार
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने अमनदीप ढल को मेडिकल ग्राउंड पर मिली अंतरिम जमानत को बढ़ाने से इंकार कर दिया था। अमनदीप ढल मेडिकल ग्राउंड पर दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत की मांग के थी। अमनदीप ढल के खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसियां जांच कर रही है। अमनदीप ढल ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में निचली अदालत ने जमानत देने से इंकार कर दिया गया था। शराब कारोबारी ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदर्शकअमनदीप ढल को एक मार्च को ईडी ने मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार कारोबारी ढल ने अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची है और वह पॉलिसी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
ढल पर लगे हैं ये आरोप
ढल पर आरोप है कि वो आम आदमी पार्टी को रिश्वत देने और साउथ ग्रुप को लाभ पहुचाने में मदद कर रहा था। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितता बरती गई। इसके साथ लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया। निचली अदालत में जांच एजेंसी ने बताया था कि ढल आबकारी घोटाले में सक्रिय रूप से शामिल था। उसने अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची थी। सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुचाया गया।
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