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हिमाचल में बादल फटे: भारी बारिश के बाद नदियों में आया अथाह जल, जगह-जगह भूस्खलन; घर-मकान ढहे, लोग फंसे

Landslide in Himachal Pradesh: हिमालय के आंचल वाला राज्य हिमाचल प्रदेश इन इन दिनों भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में है. वहां कई स्थानों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इससे मलबे का ढेर लग गया है.

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हिमाचल में भारी बारिश, भूस्खलन और जलभराव बड़ी समस्या।

Himachal Pradesh News : हिमालय के आंचल वाला राज्य हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश-भूस्खलन की चपेट में है. कल रात यहां अंजनी महादेव के निकट बादल फटने की घटना हुई, जिससे अथाह पानी बरसा. वहां से बहने वाली व्यास नदी अचानक उफान पर आ गई और उसके आस-पास मौजूद घर-मकान डूबने लगे.

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले की उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने मनाली में बादल फटने की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “इस घटना में काफी क्षति पहुंची है. अथाह पानी आने से कई घर बह गए और लोग जहां-तहां फंस गए. बेघर हुए लोगों अस्थायी तौर पर स्कूलों में शरण दी जा रही है. कइयों के लापता होने की सूचना मिली है.”

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पर्यटकों को प्रभावित इलाकों में आने से रोकेंगे

कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि बादल फटने की घटना के बाद से टनल का रास्ता बंद है. सारा ट्रैफिक रोहतांग पास से डायवर्ट किया जा रहा है. अतिआवश्यक सेवाओं के वाहन हमारी प्राथमिकता होंगे और पर्यटकों को रोका जाएगा. तहसीलदार मौके पर मौजूद है.”

हाईवे पर लगी हुई हैं वाहनों की लंबी कतारें

दूसरी ओर, हिमाचल के सिरमौर जिले में भी नेशनल हाईवे—707 पर चिल्लन के पास भूस्खलन हुआ. जिसके चलते यातायात बाधित हो गया. वहां हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. पहाड़ों से शिलाएं और पत्थर गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हाईवे पर मलबे का ढेर लग गया है. स्थानीय प्रशासन मलबा हटाने में जुटा है.

लोगों को इस रूट से दूर रहने की सलाह

सिरमौर जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, राजमार्ग को बहाल होने में काफी समय लग सकता है. अधिकारियों ने लोगों से दूसरा रास्ता तलाशने को कहा है. भूस्खलन के कारण लोगों को इस रास्ते से दूर रहने की सलाह दी गई है. यात्रियों से धैर्य रखने और यातायात कर्मियों के निर्देशों का पालन करने को कहा जा रहा है.

केंद्र सरकार पर राज्य की अनदेखी का आरोप

पिछले साल भीषण बाढ़ और भूस्खलन की आपदा झेलने वाले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर मंगलवार को संसद में पेश बजट में राज्य की अनदेखी का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि हिमाचल में आपदा के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, “हमने उम्मीद की थी कि आपदा के बाद पीडीएनए (पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट) मिलेगा, लेकिन राज्य को यह नहीं मिला.”

हिमाचल के लिए मल्टीलेटरल डेवलपमेंट असिस्टेंट

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उत्तराखंड, सिक्किम और गोवा के लिए “असिस्टेंट” शब्द का उल्लेख किया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश के लिए “मल्टीलेटरल डेवलपमेंट असिस्टेंट” की बात कही गई है. बाढ़ और आपदा के लिए उत्तराखंड, गोवा और सिक्किम के लिए सीधे “असिस्टेंट” देने की बात कही गई है, लेकिन हिमाचल के साथ ऐसा नहीं है.

9000 करोड़ की सहायता के लिए किया अनुरोध

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के लिए राज्य सरकार ने 9 हजार करोड़ रुपये की सहायता का अनुरोध केंद्र सरकार को भेजा है “जो हमें जरूर मिलना चाहिए”. इसके अलावा अलग से भी प्रदेश के लिए बजट आवंटित करना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल के साथ भेदभाव किया जा रहा है. यह बहुत दुख की बात है.

— भारत एक्सप्रेस



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