पीएम मोदी और जो बाइडेन.
PM Modi US Visit: सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी एक पुराना मुद्दा रहा है, जिसने इतिहास में कई संस्कृतियों और देशों को प्रभावित किया है. भारत इस मुद्दे से विशेष रूप से प्रभावित हुआ है और बड़ी संख्या में प्राचीन वस्तुओं की देश से बाहर तस्करी की गई है. प्रधानमंत्री की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत को 297 बहुमूल्य कलाकृतियां सौंपी गई हैं. इस तरह 2014 से अब तक भारत द्वारा बरामद कलाकृतियों की कुल संख्या 640 हो गई है. अकेले अमेरिका से वापस की गई कलाकृतियों की कुल संख्या 578 हो गई है.
2023 में भारत को लौटाई थीं 105 कलाकृतियां
मौजूदा यात्रा के अलावा, पीएम मोदी की पिछली अमेरिका यात्राएं भी भारत को पुरावशेष लौटाने के मामले में विशेष रूप से फलदायी रही हैं. 2021 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, अमेरिकी सरकार ने 157 पुरावशेष सौंपे, जिनमें 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल हैं. साथ ही, 2023 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के कुछ दिनों बाद, 105 कलाकृतियां भारत को लौटाई गईं.
भारत की सफल पुनर्प्राप्ति अमेरिका से आगे तक फैली हुई है, जिसमें 16 कलाकृतियां ब्रिटेन से और 40 कलाकृतियां ऑस्ट्रेलिया से वापस लाई गई हैं. वहीं, 2004-2013 के बीच केवल एक कलाकृति भारत को वापस की गई.
‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हुए हस्ताक्षर
इसके अलावा जुलाई 2024 में, नई दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के अवसर पर, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका में पुरावशेषों की अवैध तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए पहले ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए.
सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर जोर
पिछले दस वर्षों में यह शानदार उपलब्धि भारत के चुराए गए खजाने को वापस पाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है. वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंधों ने इन वापसी को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके सक्रिय दृष्टिकोण के कारण प्रतिष्ठित मूर्तियों और महत्वपूर्ण कलाकृतियों की वसूली हुई है, जिससे भारत की सांस्कृतिक पहचान की पुष्टि हुई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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