एक अनोखी चोरी का मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से आया है, जिसमें चोर ने राधा कृष्ण की मूर्ति जो अष्ट धातु की बनी हुई थी उसे मंदिर से चुरा लिया. हफ्ते दिन बाद से ही चोर के साथ अजीबो गरीब घटनाएं होने लगीं, जिससे परेशान होकर चोर ने उस मूर्ति को हाइवे के पास रख दिया और पुजारी को चिट्ठी लिखकर उसमें खुद को अज्ञानी बताते हुए माफी भी मांगी.
आ रहे थे बुरे सपने
चोर ने पुजारी के नाम की चिट्ठी में अपने साथ घटी घटनाओं का जिक्र किया जिससे वह पुरी तरह से डर चुका था. उसको बुरे-बुरे सपने आ रहे थे और उसका बच्चा बीमार हो गया था. उसने चिट्ठी में लिखा कि “मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसमें काफी छेड़छाड़ की है. मैं अपनी गलती की माफी मांगते हुए मूर्ति को रखकर जा रहा हूं.”
क्या लिखा था चिट्ठी में
चोर ने लिखा, “महाराज जी, प्रणाम. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी. अज्ञानतावश मैंने राधा-कृष्ण की मूर्ति को गऊघाट से चुरा लिया था. जब से चुराया तब से बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं. और मेरे बेटे की तबीयत भी खराब हो गई है. थोड़े पैसों के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है. मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसमें काफी छेड़छाड़ की है. मैं अपनी गलती की माफी मांगते हुए मूर्ति को रखकर जा रहा हूं. आपसे विनती है कि मुझे माफ करते हुए भगवान को फिर से मंदिर में स्थापित करवा दिया जाए. पहचान छिपाने के लिए मैंने पॉलिस कराई थी जिस कारण उसका आकार बदल गया है. महाराज जी, हमारे बाल-बच्चों को क्षमा करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें.”
पुलिस को है चोर की तलाश
एक तरफ जो कि चोर ने अपने लिखे खत के द्वारा पुजारी से माफी मांगता दिखाई दे रहा है तो दूसरी ओर ऐसी घटनाओं से परेशान नवाबगंज थाने की पुलिस तमाम सीसीटीवी के द्वारा चोर को पकड़ने के प्रयास में लगी हुई है.
स्थापित की गई मूर्ति
23 सितंबर को चोरी हुई मूर्ति लगभग 10 दिन के बाद हाइवे के सर्विस रोड से गऊघाट लिंक मार्ग पर देखी गई जिसके बाद देखते ही देखते भीड़ लग गई. पुजारी जी की उपस्थिति में मामले की जानकारी पुलिस को देने के बाद पुजारी ने राधा कृष्ण की मूर्ति को मंदिर में स्थापित कर दिया है.
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